महाकुंभ 2025: विश्वस्तरीय स्वच्छता के लिए 10 हजार सफाई योद्धा दिन-रात जुटे
प्रयागराज:
महाकुंभ मेला 2025 में संगम की रेत पर फैले चार हजार हेक्टेयर के अस्थायी शहर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए 10 हजार से अधिक सफाई योद्धा अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। ये सफाई योद्धा तीन शिफ्टों में कार्य करते हुए सड़कों, घाटों और शौचालयों की सफाई सुनिश्चित कर रहे हैं। प्रयागराज प्रशासन का उद्देश्य है कि देश-विदेश से आने वाले संतों और भक्तों को एक भी गंदगी का निशान न दिखाई दे।
अस्थायी शहर और सफाई की विशेष व्यवस्थाएं:
— चार हजार हेक्टेयर क्षेत्र: संगम के पास चार हजार हेक्टेयर में अस्थायी शहर विकसित किया गया है।
— सफाई नायक: सफाईकर्मियों को “सफाई नायक” का नाम दिया गया है।
— 1.5 लाख अस्थायी शौचालय: महिलाओं के लिए विशेष पिंक शौचालय बनाए गए हैं।
— 25000 कचरा पात्र और 200 किमी ड्रेनेज लाइन: गंदगी की रोकथाम और जल निकासी के लिए विस्तृत प्रबंधन।
— प्लास्टिक रिसाइक्लिंग: प्लास्टिक से संगम किनारे सैकड़ों चेंजिंग रूम बनाए गए हैं।
— 40 कॉम्पैक्टर और 120 हूपर वाहन: कचरा उठाने और निस्तारण के लिए उपयोग किए जा रहे हैं।
धूल मुक्त और स्वच्छता पर फोकस:
650 किलोमीटर लंबी लोहे की प्लेट से बनी सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है ताकि धूल न उड़े। घाटों की नियमित सफाई और जेट स्प्रे तकनीक से शौचालयों की सफाई की जा रही है।
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महापौर गणेश केसरवानी का बयान:
प्रयागराज नगर निगम के महापौर गणेश केसरवानी ने बताया कि मेला क्षेत्र में प्रतिदिन 500 टन कचरा निकल रहा है। इसे नियमित रूप से निस्तारित किया जा रहा है। तीन पारियों में सफाईकर्मी काम कर रहे हैं और निगरानी के लिए जोनल प्लान तैयार किए गए हैं।
सफाई प्रबंधन में ये खास:
— 02 नए फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट और 03 अस्थायी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए।
— प्लास्टिक के पुन: उपयोग से स्वच्छता का संदेश दिया जा रहा है।
— जल निकासी के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग।
महाकुंभ मेला 2025 स्वच्छता के मामले में एक मिसाल कायम करने की दिशा में है, जो देश और दुनिया के लिए प्रेरणादायक है।