इजरायल-हमास के बीच ऐतिहासिक युद्धविराम समझौता, 19 जनवरी से लागू होने की संभावना
गाजा/वॉशिंगटन। इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से चले आ रहे खूनी संघर्ष का अंत आखिरकार हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, कतर और मिस्र की मध्यस्थता से हुए इस युद्धविराम समझौते का 19 जनवरी 2025 से लागू होने का अनुमान है। यह समझौता तीन चरणों में होगा, जिसमें पूर्ण युद्धविराम, बंधकों की रिहाई, और गाजा में पुनर्निर्माण योजना शामिल है।
तीन चरणों में होगा युद्धविराम:
- पहला चरण (6 हफ्ते का)
- इजरायल की सेना (IDF) गाजा के सभी आबादी वाले क्षेत्रों से बाहर होगी।
- हमास द्वारा बंधकों, विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों और घायल लोगों को रिहा किया जाएगा।
- इसके बदले में, इजरायल सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
- गाजा के निवासी अपने क्षेत्रों में लौट सकेंगे।
- दूसरा चरण:
- 6 हफ्तों की अवधि के बाद, शांति वार्ता के जरिए स्थायी युद्धविराम के लिए रूपरेखा तय की जाएगी।
- सभी जीवित बंधकों को रिहा किया जाएगा और इजरायली सेना पूरी तरह गाजा से हट जाएगी।
- तीसरा चरण:
- मारे गए बंधकों के अवशेष परिवारों को लौटाए जाएंगे।
- गाजा में पुनर्निर्माण योजनाओं को तेजी से लागू किया जाएगा।
कैसे हुआ समझौता?
इस युद्धविराम समझौते को कतर और मिस्र ने मध्यस्थता करते हुए संभव बनाया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा, “यह समझौता न केवल मध्य पूर्व में स्थिरता लाएगा बल्कि दोनों पक्षों के पीड़ितों को राहत देगा।”
डोनाल्ड ट्रंप ने लिया श्रेय:
इस युद्धविराम को लेकर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी क्रेडिट लेने की कोशिश की। ट्रंप ने कहा, “यह समझौता हमारी ऐतिहासिक जीत और व्हाइट हाउस में मेरी वापसी के कारण संभव हो सका है।”
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इजरायल का नजरिया:
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस समझौते को लेकर अमेरिका और राष्ट्रपति जो बाइडेन का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, “हम गाजा को आतंकवाद का अड्डा बनने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
बंधकों की रिहाई और भविष्य की योजनाएं:
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि गाजा में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए इजरायल सभी आवश्यक कदम उठाएगा। उन्होंने कैबिनेट से इस समझौते को मंजूरी देने का आग्रह किया।
निष्कर्ष:
इजरायल और हमास के बीच हुआ यह समझौता संघर्ष समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह समझौता न केवल दोनों पक्षों के लिए राहत लाएगा, बल्कि गाजा क्षेत्र में स्थिरता और पुनर्निर्माण का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।

