Khabar21
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Reading: महाराणा कुम्भा: मेवाड़ निर्माता की उपेक्षित जन्मस्थली और गौरवशाली इतिहास
Share
Aa
Aa
Khabar21
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Search
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Follow US
Khabar21 > Blog > बीकानेर > महाराणा कुम्भा: मेवाड़ निर्माता की उपेक्षित जन्मस्थली और गौरवशाली इतिहास
बीकानेर

महाराणा कुम्भा: मेवाड़ निर्माता की उपेक्षित जन्मस्थली और गौरवशाली इतिहास

editor
editor Published January 14, 2025
Last updated: 2025/01/14 at 5:00 PM
Share
Maharana Kumbha: Neglected Birthplace of the Mewar Architect and Glorious History
SHARE
Chat on WhatsApp
Share News

महाराणा कुम्भा: मेवाड़ के स्वर्ण युग के निर्माता की अनसुनी गाथा

देवगढ़।
शौर्य, भक्ति और बलिदान की धरती मेवाड़ का हर कोना गौरवशाली इतिहास से भरा हुआ है। इस ऐतिहासिक भूमि पर महाराणा कुम्भा ने अपनी अनोखी छवि और पराक्रम से एक अमिट छाप छोड़ी। उनका शासनकाल मेवाड़ के इतिहास का स्वर्णिम युग कहलाता है।

महाराणा कुम्भा की जन्मस्थली मदारिया आज भी उपेक्षित है। यदि यहां एक भव्य स्मारक का निर्माण किया जाए तो यह इस महान योद्धा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

जन्म और जनश्रुतियां:

महाराणा कुम्भा का जन्म मकर संक्रांति, 1417 ई. को मदारिया में हुआ। उनके पिता महाराणा मोकल और माता सौभाग्य देवी थीं। जन्म से जुड़ी एक दिलचस्प कथा है, जिसमें रानी सौभाग्य देवी के खिलाफ तांत्रिक क्रियाओं का सहारा लिया गया था।

- Advertisement -

महाराणा कुम्भा का जन्म बाबा रामदेव के आध्यात्मिक हस्तक्षेप से संभव हुआ। इस घटना के कारण उनका नाम “कुम्भा” रखा गया। उनकी कद-काठी लगभग 7.5 से 8 फीट की थी, और वे कुम्भलगढ़ में स्थित शिव मंदिर में नियमित पूजा करते थे।

शासनकाल और विजय अभियान:

महाराणा मोकल की हत्या के बाद, कुम्भा को 17 वर्ष की उम्र में 1433 ई. में गद्दी सौंपी गई। उन्होंने चाचा और मेरा जैसे षड्यंत्रकारियों का अंत कर मेवाड़ को एकजुट किया।

अपने शासनकाल में उन्होंने मालवा, गुजरात, मंडोर, अजमेर, और नागौर जैसे क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की और मेवाड़ को एक शक्तिशाली साम्राज्य में बदल दिया। उनके 35 वर्षीय शासनकाल में उन्होंने 56 युद्ध लड़े और एक भी नहीं हारे।

राजस्थानी शिल्प के जनक:

महाराणा कुम्भा ने 84 में से 32 दुर्गों का निर्माण कराया, जिनमें कुम्भलगढ़, अचलगढ़, और वसंतगढ़ प्रमुख हैं। रणकपुर जैन मंदिर और एकलिंग मंदिर के पुर्ननिर्माण का श्रेय भी उन्हें जाता है।

उपेक्षा का दंश:

महाराणा कुम्भा जैसे महान योद्धा और शासक की जन्मस्थली मदारिया आज भी विकास और सम्मान से दूर है। यहां एक स्मारक का निर्माण, कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से इस दिव्य व्यक्तित्व को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।


Share News
Chat on WhatsApp

editor January 14, 2025
Share this Article
Facebook TwitterEmail Print

Latest Post

कोलायत में मिला पाकिस्तान लिखा हवाई गुब्बारा, सीमा नजदीक होने से बढ़ी सतर्कता
बीकानेर
नापासर के मूंडसर में पुलिस टीम पर हमला, ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश
बीकानेर
बीकानेर के पूर्व सीएमएचओ डॉ. राजेश गुप्ता का अचानक निधन
बीकानेर
रेरा की कड़ी कार्रवाई, बिना पंजीयन प्रोजेक्ट्स पर एफआईआर और भारी जुर्माना
राजस्थान
चौमूं हिंसा: मस्जिद के बाहर रेलिंग विवाद ने लिया उग्र रूप, 6 पुलिसकर्मी घायल
जयपुर
बीकाणा अपडेट: खेल, धर्म, कानून-व्यवस्था और जनजीवन की बड़ी खबरें
बीकानेर
फरवरी में बीकानेर बनेगा धर्म का केंद्र, शंकराचार्य सहित संतों का महासमागम
बीकानेर
बीकानेर प्रेस क्लब की खेलकूद प्रतियोगिता, क्रिकेट-बैडमिंटन होंगे आकर्षण
बीकानेर

You Might Also Like

बीकानेर

कोलायत में मिला पाकिस्तान लिखा हवाई गुब्बारा, सीमा नजदीक होने से बढ़ी सतर्कता

Published December 26, 2025
बीकानेर

नापासर के मूंडसर में पुलिस टीम पर हमला, ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश

Published December 26, 2025
बीकानेर

बीकानेर के पूर्व सीएमएचओ डॉ. राजेश गुप्ता का अचानक निधन

Published December 26, 2025
बीकानेर

बीकाणा अपडेट: खेल, धर्म, कानून-व्यवस्था और जनजीवन की बड़ी खबरें

Published December 25, 2025
Khabar21
Follow US

© Copyright 2022, All Rights Reserved Khabar21 | Designed by Uddan Promotions Pvt. Ltd.

  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
Join WhatsApp Group

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?