जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के दोषी नंद लाल उर्फ नंदू महाराज को निर्वासित करने की अनुमति दी है। न्यायमूर्ति श्रीचंद्रशेखर और न्यायमूर्ति मदन गोपाल व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश अतिरिक्त महाधिवक्ता बी.एल. भाटी द्वारा दायर प्रार्थना पत्र पर पारित किया।
गिरफ्तारी और सजा:
20 अगस्त 2016 को जैसलमेर में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और अन्य खुफिया एजेंसियों के संयुक्त अभियान में नंद लाल को गिरफ्तार किया गया था। इस अभियान में पाकिस्तान से जुड़ा जासूसी नेटवर्क उजागर हुआ था। 22 फरवरी 2023 को जयपुर की सीजेएम कोर्ट ने नंद लाल को सात साल की सजा सुनाई थी, जिसे वह पूरी कर चुका है।
हाईकोर्ट की अनुमति आवश्यक:
नंद लाल को निर्वासित करने के लिए हाईकोर्ट की अनुमति अनिवार्य थी। 1 सितंबर 2017 को हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें सुरक्षा संबंधी विशेष परिस्थितियों को छोड़कर अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े पाकिस्तानी विस्थापितों को निर्वासित करने पर रोक लगाई गई थी।
सरकार की अनापत्ति:
राजस्थान सरकार और गृह मंत्रालय ने नंद लाल की देश वापसी पर सहमति जताई। गृह मंत्रालय ने 30 दिसंबर 2024 को बताया कि नंद लाल के खिलाफ कोई अपील या अन्य मामला लंबित नहीं है।
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निर्वासन की प्रक्रिया:
गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि 7 फरवरी को नंद लाल और अन्य दो पाकिस्तानी बंदियों को अटारी बॉर्डर ले जाया जाए, जहां उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स को सौंपा जाएगा।