प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। श्रद्धालुओं के स्वागत और उन्हें बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए पर्यटन विभाग ने एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम में गाइड्स, टैक्सी चालकों, वेंडर्स, और नाविकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे पर्यटकों के साथ बेहतर व्यवहार कर सकें और प्रयागराज की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को रोचक तरीके से प्रस्तुत कर सकें।
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम को कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान लखनऊ और अन्य संस्थाओं के साथ साझेदारी में चलाया जा रहा है। प्रशिक्षुओं को गाइड्स, टैक्सी चालकों और नाविकों के अलग-अलग बैच में विशेष मॉड्यूल के माध्यम से ट्रेनिंग दी जा रही है।
गाइड्स को शहर के पर्यटन स्थलों की ऐतिहासिक और धार्मिक विशेषताओं के बारे में बताया जा रहा है। इसके अलावा, उन्हें स्टोरी टेलिंग की कला में भी निपुण बनाया जा रहा है। टैक्सी चालकों को डिजिटल पेमेंट और यातायात नियमों के साथ-साथ पर्यटकों के साथ संवाद कौशल सिखाया जा रहा है। नाविकों और वेंडर्स को प्लास्टिक मुक्त कुंभ की जानकारी देने और पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
प्रशिक्षण का लक्ष्य और प्रगति:
पर्यटन विभाग ने कुल 4200 व्यक्तियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है, जिनमें 1000 गाइड्स, 2000 टैक्सी चालक, 600 नाविक, और 600 वेंडर्स शामिल हैं। अब तक 608 वेंडर्स, 360 नाविक, 451 टैक्सी चालक, और 871 गाइड्स को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
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पर्यटन स्थलों का कायाकल्प:
महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए शहर के प्रमुख धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण भी किया जा रहा है। भारद्वाज आश्रम, आलोप शंकरी मंदिर, पांडेश्वर महादेव, मनकामेश्वर मंदिर, और दशाश्वमेध मंदिर में विकास कार्य अपने अंतिम चरण में हैं।
प्रशिक्षण में भाग लेने वाले और ट्रेनर्स का मानना है कि यह कार्यक्रम न केवल महाकुंभ 2025 के लिए बल्कि भविष्य में भी पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक होगा।