डिजिटल युग में जहां तकनीक ने जीवन को सरल बनाया है, वहीं इसके कुछ दुष्प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बीकानेर से सामने आया है, जहां सोशल मीडिया पर मातृशक्ति की निजता का हनन हो रहा है। इसी संदर्भ में विप्र फाउंडेशन युवा प्रकोष्ठ ने पुलिस अधीक्षक कावेन्द्र सागर को ज्ञापन सौंपते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
ज्ञापन का मुख्य बिंदु
विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय सचिव जोन प्रभारी भंवर पुरोहित और प्रदेशाध्यक्ष धनसुख सारस्वत के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम और फेसबुक पर अश्लील सामग्री और पारिवारिक रिश्तों को शर्मसार करने वाले कंटेंट पर रोक लगाने की मांग की गई है।
सोशल मीडिया पर बढ़ती समस्याएं
विफा युवा जिलाध्यक्ष पंकज पीपलवा ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्व महिलाओं के निजी वीडियो बनाकर उनमें अश्लील गाने जोड़कर उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। इससे न केवल महिलाओं की निजता भंग हो रही है, बल्कि उनके जीवन को भी खतरा पैदा हो रहा है।
विफा युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश संगठन महामंत्री दिनेश ओझा ने कहा कि ऐसे कृत्य समाज में महिला सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। यह असामाजिक व्यवहार न्यायसंगत नहीं है और सभ्य समाज के मूल्यों के खिलाफ है।
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प्रशासन से अनुरोध
जिला महामंत्री नवनीत पारीक ने प्रशासन से आग्रह किया कि इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसी सामग्री अपलोड करने वाले असामाजिक तत्वों को ट्रेस कर उनकी पहचान सार्वजनिक की जाए। इससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकेगा।
ज्ञापन में शामिल प्रमुख सदस्य
ज्ञापन देने वालों में आईटी उपाध्यक्ष सौरभ शर्मा, गौरी शंकर जोशी, विपुल व्यास, दिनेश कुमार व्यास, गोकुल पारीक, केशव आचार्य, विवेक ओझा, भरत ओझा, दीपक ओझा, लखनलाल गौड़, राम जोशी, विजय ओझा और अन्य सक्रिय सदस्य उपस्थित थे।
निवेदन
विप्र फाउंडेशन ने जिला प्रशासन के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार से इस समस्या के समाधान हेतु सख्त कानून बनाने का अनुरोध किया है, ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।