दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना को लेकर एक अहम विज्ञापन जारी किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि इन योजनाओं के बारे में किए जा रहे दावे गलत हैं और ऐसी कोई योजना फिलहाल अधिसूचित नहीं की गई है। लोगों से अपील की गई है कि वे इस तरह की योजनाओं के झांसे में न आएं और अपनी संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने कहा है कि अगर कोई योजना अधिसूचित होती है, तो दिल्ली सरकार खुद इसके लिए पोर्टल शुरू करेगी और पात्र व्यक्तियों का पंजीकरण सुनिश्चित करेगी। विभाग ने बताया कि कुछ राजनीतिक दल और निजी संस्थाएं महिला सम्मान योजना के तहत प्रति माह 2100 रुपये देने का दावा कर रही हैं, जो पूरी तरह से भ्रामक है।
विभाग के अनुसार, किसी भी व्यक्ति या संगठन को इस योजना के नाम पर जानकारी इकट्ठा करने का अधिकार नहीं है। यह धोखाधड़ी है, और नागरिकों को चेतावनी दी जाती है कि वे बैंक खाते, वोटर आईडी, फोन नंबर, या अन्य निजी जानकारी साझा न करें। ऐसा करने पर उनकी जानकारी लीक होने और साइबर अपराध का शिकार होने का खतरा है।
संजीवनी योजना पर विवाद:
आप ने बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों का मुफ्त इलाज कराने का वादा किया गया था। लेकिन अब दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह योजना अभी अधिसूचित नहीं है।
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महिला सम्मान योजना पर सवाल:
महिला सम्मान योजना के तहत 18 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने की घोषणा की गई थी। यह वादा चुनावी मंचों पर किया गया था, लेकिन सरकार ने इसे भी अधिसूचित नहीं किया है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप:
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार ने जनता को धोखे में रखा है। इन योजनाओं के नाम पर हस्ताक्षर करवाकर लोगों के खातों से पैसे निकाले जाने की आशंका है। सरकार को तुरंत स्पष्ट करना चाहिए और जनता को गुमराह करना बंद करना चाहिए।”
दिल्ली सरकार ने नागरिकों को सचेत रहने और ऐसे दावों पर भरोसा न करने की अपील की है।