राजस्थान सरकार ने एसएसओ (सिंगल साइन ऑन) पोर्टल पर दी जाने वाली सिटिजन सर्विस को होल्ड कर दिया है। अब नागरिकों को केवल ई-मित्र आईडी के माध्यम से सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। सरकार का कहना है कि यह कदम सिटिजन आईडी के दुरुपयोग और साइबर फ्रॉड की घटनाओं में वृद्धि के चलते उठाया गया है।
80 हजार ई-मित्र संचालकों पर असर
इस निर्णय से राज्य भर के लगभग 80,000 ई-मित्र संचालकों का कामकाज प्रभावित हुआ है।
- अलवर: जिले में 3,000 संचालक, जिनमें से 400 सिर्फ अलवर शहर में हैं।
- ई-मित्र संचालकों का कहना है कि अधिकांश संचालक बेरोजगार हो गए हैं, जिससे उनके रोजगार पर संकट गहरा गया है।
ई-मित्र संचालकों का विरोध
संचालकों ने सरकार के इस निर्णय का विरोध किया और सेवाओं को बहाल करने की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र सौंपा है। उनका कहना है कि सिटीजन सर्विस बंद होने से उनकी आय का मुख्य स्रोत छिन गया है।
सिटीजन आईडी पर रोक के पीछे वजह
राज्य सरकार के अनुसार:
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- साइबर सुरक्षा: सिटीजन आईडी के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी और अवैध गतिविधियों के मामले बढ़े।
- जानकारी का दुरुपयोग: नागरिकों की निजी जानकारी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा था।
- फर्जी दस्तावेज: सरकारी योजनाओं का फर्जीवाड़ा कर लाभ उठाने की घटनाएं बढ़ी थीं।
सरकार की मंशा और प्रभाव
सरकार का उद्देश्य नागरिकों की डेटा सुरक्षा को प्राथमिकता देना और फर्जीवाड़े पर रोक लगाना है। हालांकि, ई-मित्र संचालकों का कहना है कि इस निर्णय से उनका भविष्य अनिश्चित हो गया है।