Disclaimer Note: -इस समाचार में दिए गए आंकड़े और जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं और किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले आपको एक पेशेवर वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना चाहिए। निवेश में जोखिम शामिल हैं और इस समाचार में शामिल कोई भी निवेश के लिए सलाह नहीं है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर सख्त रुख के चलते भारतीय बाजार में भारी गिरावट देखी गई। गुरुवार को सेंसेक्स 964.15 अंक (1.20%) की गिरावट के साथ 79,218.05 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 247.15 अंक (1.02%) टूटकर 23,951.70 पर पहुंच गया।
प्रमुख कारण:
- फेडरल रिजर्व का फैसला:
2025 में ब्याज दर कटौती की धीमी गति के संकेत ने वैश्विक स्तर पर बिकवाली को बढ़ावा दिया। - डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट:
रुपया 0.12 रुपये (0.14%) टूटकर 85.08 के सर्वकालिक निचले स्तर पर चला गया। - विदेशी निवेशकों की बिकवाली:
एफआईआई ने 1,316.81 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची।
सेंसेक्स और निफ्टी पर असर:
- कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, बैंकिंग और आईटी शेयरों में भारी गिरावट ने बाजार पर दबाव बढ़ाया।
- ब्लू-चिप कंपनियों जैसे इंफोसिस, बजाज फिनसर्व, और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर सबसे ज्यादा टूटे।
- हालांकि, फार्मा जैसे रक्षात्मक क्षेत्रों में रणनीतिक बदलाव के कारण बेहतर प्रदर्शन देखा गया।
वैश्विक बाजार का हाल:
- एशियाई बाजार: सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग में गिरावट।
- यूरोपीय बाजार: नकारात्मक क्षेत्र में कारोबार।
- अमेरिकी बाजार: वॉल स्ट्रीट पर भारी गिरावट।
तेल और अन्य बाजार:
- ब्रेंट क्रूड 0.08% गिरकर 73.33 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
- फार्मा और पावर ग्रिड जैसे सेक्टरों ने गिरावट को थोड़ा संभाला।
विश्लेषकों की राय:
विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक बिकवाली और विदेशी पूंजी निकासी के कारण बाजार में गिरावट जारी रह सकती है। निवेशकों को सतर्क रहते हुए रक्षात्मक क्षेत्रों में निवेश पर ध्यान देना चाहिए।