मोबाइल टावर लगाने पर शुल्क में भारी कटौती
राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार के नए दूरसंचार नियमों को प्रदेश में लागू कर दिया है। इसके तहत टेलीकॉम ऑपरेटर्स को मोबाइल टावर लगाने, ऑप्टिकल फाइबर बिछाने और नेटवर्क विस्तार करने के लिए शुल्क में 10 गुना तक की कमी की गई है। निजी भवनों पर टावर लगाने पर एप्लीकेशन शुल्क भी खत्म कर दिया गया है, जिससे नगरीय निकायों को राजस्व में कमी का सामना करना पड़ेगा।
नए नियमों के प्रमुख प्रावधान
- एप्लीकेशन शुल्क समाप्त:
पहले निजी भवनों पर टावर लगाने के लिए 10,000 रुपए का शुल्क लिया जाता था, जिसे अब खत्म कर दिया गया है। - शुल्क में कटौती:
- पोल पर केबल डालने का शुल्क 1,000 रुपए से घटाकर 100 रुपए कर दिया गया है।
- शहरी क्षेत्रों में स्ट्रीट फर्नीचर पर टेलीकॉम स्मॉल सेल लगाने का शुल्क 300 रुपए, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 100 रुपए प्रति वर्ष निर्धारित किया गया है।
- जनता को आपत्ति का अधिकार नहीं:
निजी भवनों पर टावर या अन्य टेलीकॉम उपकरण लगाने से पहले जनता से आपत्ति या सुझाव लेने का प्रावधान हटा दिया गया है।
राजस्व पर असर
राजस्थान सरकार के इस फैसले के बाद नगरीय निकायों को राजस्व में कमी का सामना करना पड़ेगा। वहीं, संचार मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, अस्थाई अंडरग्राउंड और ओवरग्राउंड टेलीकॉम लाइन बिछाने का शुल्क भी खत्म कर दिया गया है।
पुरानी गाइडलाइंस रद्द
नए नियम लागू होने के बाद नगरीय विकास विभाग ने टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी अपनी गाइडलाइंस और आदेश वापस ले लिए हैं।
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जनता की सुनवाई पर सवाल
नए नियमों के तहत जनता की आपत्तियों और सुझावों को पूरी तरह अनदेखा किया गया है। इस प्रावधान के यथावत रहने से निजी भवनों पर टेलीकॉम उपकरण लगने से पहले किसी भी प्रकार की जन सुनवाई का रास्ता बंद हो गया है।