प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर कांग्रेस के हमलों का कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस अपने काले इतिहास और आंबेडकर के प्रति किए गए अपमान को छिपा नहीं सकती।
कांग्रेस पर गंभीर आरोप:
पीएम मोदी ने कहा, “अगर कांग्रेस यह सोचती है कि उनके झूठ और प्रोपेगेंडा से आंबेडकर का अपमान और एससी-एसटी समुदायों के खिलाफ उनके पाप छिप जाएंगे, तो यह उनकी बड़ी गलतफहमी है। कांग्रेस ने बार-बार डॉ. आंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी-एसटी समुदायों को हाशिए पर धकेलने की कोशिश की है।”
कांग्रेस के पाप गिनाए:
पीएम मोदी ने अपने ट्वीट्स में कांग्रेस के कुकर्मों की फेहरिस्त पेश करते हुए लिखा, “डॉ. आंबेडकर को चुनाव में हराना, उन्हें भारत रत्न देने से इनकार करना और संसद के सेंट्रल हॉल में उनकी तस्वीर को उचित स्थान न देना, कांग्रेस के उन पापों में शामिल है, जो कभी भुलाए नहीं जा सकते।”
डॉ. आंबेडकर के प्रति सम्मान पर जोर:
पीएम मोदी ने कहा, “डॉ. आंबेडकर के लिए हमारा सम्मान सर्वोपरि है। हमारी सरकार ने उनके नाम पर पंचतीर्थ का विकास किया, अलीपुर रोड स्थित उनके अंतिम निवास को संरक्षित किया, और लंदन स्थित उनके घर को अधिग्रहित कर वहां एक स्मारक बनाया। उनकी विरासत को सहेजने के लिए हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।”
- Advertisement -
सरकार की योजनाओं का उल्लेख:
उन्होंने बताया कि एससी-एसटी समुदायों के सशक्तिकरण के लिए उनकी सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। पीएम मोदी ने कहा, “हमने स्वच्छ भारत, उज्ज्वला योजना, पीएम आवास योजना, और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं के जरिए गरीब और हाशिए पर पड़े समुदायों के जीवन को बेहतर बनाया है।”
कांग्रेस पर ‘नाटकबाजी’ का आरोप:
पीएम मोदी ने लिखा, “गृह मंत्री ने कांग्रेस के आंबेडकर विरोधी इतिहास को उजागर किया, जिससे कांग्रेस स्तब्ध है। यही कारण है कि वे अब नाटकबाजी कर रहे हैं। दुख की बात है कि वे सच्चाई से मुंह मोड़ रहे हैं, लेकिन देश के लोग सब जानते हैं।”
कांग्रेस ने मांगा अमित शाह का इस्तीफा:
इससे पहले, कांग्रेस ने अमित शाह पर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “गृह मंत्री ने राज्यसभा में जो टिप्पणी की, वह अस्वीकार्य है। उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।”
विरोध प्रदर्शन:
कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने संसद के भीतर और बाहर इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया। संसद परिसर में मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जा रहा है।