20 सांसद अनुपस्थित, भाजपा का नोटिस संभव:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने 20 सांसदों को नोटिस जारी कर सकती है, जो रविवार को लोकसभा में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे। पार्टी ने पहले ही अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया था।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पेश:
संसद में एक साथ चुनाव कराने संबंधी संविधान (129वां संशोधन) विधेयक लोकसभा में पेश किया गया। यह पहली बार ई-वोटिंग के जरिए पारित हुआ। विधेयक के पक्ष में 269 वोट पड़े, जबकि 198 सांसदों ने विरोध में वोट दिया। बहुमत से पारित इस विधेयक को अब व्यापक विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त समिति को भेजा जाएगा।
कांग्रेस और विपक्ष ने जताया विरोध:
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री मनीष तिवारी ने विधेयक को संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान की सातवीं अनुसूची और उसके मूल ढांचे पर हमला है। तिवारी ने इस विधेयक को तत्काल वापस लेने की मांग की।
अन्य विपक्षी दलों का रुख:
तिवारी के विरोध के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) नेता धर्मेंद्र यादव, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कल्याण बनर्जी, डीएमके के टीआर बालू, और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं ने भी विधेयक को संविधान की भावना के खिलाफ बताया और इसका विरोध किया।
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संसद में हंगामा:
विपक्षी दलों ने विधेयक पर सवाल उठाते हुए इसे अलोकतांत्रिक करार दिया। उनके अनुसार, यह विधेयक राज्यों के अधिकारों को सीमित कर सकता है और संघीय ढांचे को कमजोर कर सकता है।
भाजपा का रुख:
भाजपा ने विपक्ष के इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे लोकतांत्रिक सुधार का बड़ा कदम बताया। पार्टी ने कहा कि एक साथ चुनाव होने से देश का समय और संसाधन बचेगा, जिससे विकास कार्यों में तेजी आएगी।
अगले कदम की प्रतीक्षा:
विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति द्वारा चर्चा के बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विधेयक को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा क्या रणनीति अपनाती है और विपक्ष किस तरह से इसका विरोध करता है।