प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय ने भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के कुछ ऐतिहासिक पत्रों की वापसी की मांग की है, जो सोनिया गांधी के पास बताए जा रहे हैं। इन पत्रों में नेहरू के एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजय लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद वल्लभ पंत जैसे महान व्यक्तित्वों के साथ हुए पत्राचार शामिल हैं।
प्रधानमंत्री संग्रहालय ने इस संदर्भ में राहुल गांधी को 10 दिसंबर को पत्र लिखा है। संग्रहालय के सदस्य रिजवान कादरी ने इस पत्र में आग्रह किया कि सोनिया गांधी को दिए गए पत्र, फोटो प्रतियां और उनकी डिजिटल प्रतियां जल्द से जल्द संग्रहालय को लौटाई जाएं। यह पहली बार नहीं है जब संग्रहालय ने यह अनुरोध किया है; इससे पहले सितंबर 2024 में सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा गया था।
पंडित नेहरू के ये पत्र बेहद ऐतिहासिक महत्व रखते हैं और पहले नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के पास संरक्षित थे। तीन मूर्ति भवन, जहां पंडित नेहरू रहते थे, को उनके निधन के बाद नेहरू मेमोरियल म्यूजियम में परिवर्तित किया गया था। वर्तमान में यह प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय के रूप में जाना जाता है।
रिजवान कादरी के अनुसार, इन पत्रों का उपयोग निष्पक्ष और राजनीतिक प्रभाव से मुक्त अनुसंधान के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने पत्र में कहा कि नेहरू और मोतीलाल नेहरू द्वारा छोड़े गए महत्वपूर्ण अभिलेख राष्ट्र निर्माण के अध्ययन के लिए आवश्यक हैं।
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संग्रहालय ने दावा किया है कि 2008 में यूपीए सरकार के दौरान इन दुर्लभ पत्रों को सोनिया गांधी के पास भेजा गया था। अब, संग्रहालय यह सुनिश्चित करने की मांग कर रहा है कि नेहरू से संबंधित ऐतिहासिक दस्तावेज वापस उनके उचित स्थान पर आएं ताकि वे आने वाली पीढ़ियों के अध्ययन और अनुसंधान के लिए उपलब्ध हो सकें।