समस्तीपुर, बिहार: समस्तीपुर के पूसा के मूल निवासी और बेंगलुरु में कार्यरत इंजीनियर अतुल सुभाष ने दहेज प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। 9 दिसंबर को आत्महत्या से पहले अतुल ने 80 मिनट का वीडियो और 24 पेज का पत्र सोशल मीडिया पर जारी किया, जिसमें उसने अपनी पत्नी और ससुराल वालों को जिम्मेदार ठहराया।
अतुल ने पत्र में लिखा कि उसकी पत्नी, सास, और साले उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। सास ने उसे बार-बार आत्महत्या के लिए उकसाया और कहा कि उसकी मौत के बाद उनकी बेटी का भविष्य बेहतर हो जाएगा।
परिवार का आक्रोश और मांग
अतुल के परिवार का आरोप है कि दहेज के एकतरफा कानून के कारण उनका बेटा झूठे केसों में फंसा और मानसिक तनाव झेल रहा था। उन्होंने कहा कि यह कानून पुरुषों के साथ अन्याय करता है और इसमें सुधार की आवश्यकता है।
प्राथमिकी दर्ज और पुलिस जांच
अतुल की मौत के बाद बेंगलुरु पुलिस ने उसकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास, और ससुराल वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। मामले की जांच जारी है।
- Advertisement -
अतुल का अंतिम संदेश
अतुल ने अपने पत्र में लिखा कि उसकी अस्थियों का विसर्जन तब तक न किया जाए, जब तक उसे और उसके परिवार को न्याय न मिले। उसने अपने माता-पिता और भाई से माफी मांगते हुए कहा कि जिस उम्र में उसे उनका सहारा बनना चाहिए था, उसी उम्र में वह उन्हें दर्द देकर जा रहा है।
समाज और न्यायपालिका से सवाल
इस घटना ने एक बार फिर दहेज कानून के दुरुपयोग और इसके सुधार की मांग को उजागर किया है। अतुल के परिवार ने उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि इस मामले में न्याय दिलाया जाए और ऐसे कानूनों की समीक्षा की जाए।

