भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को यूपीआई लाइट वॉलेट की लिमिट को 5000 रुपये और प्रति लेन-देन की लिमिट 1000 रुपये तक बढ़ा दी। इसका उद्देश्य मोबाइल फोन के जरिए तत्काल भुगतान प्रणाली को और भी बढ़ावा देना है।
आरबीआई ने इस कदम से मोबाइल भुगतान को और सुविधाजनक बनाने का प्रयास किया है। पहले 2000 रुपये थी ऑफलाइन लेन-देन की कुल लिमिट। अब, यूपीआई लाइट से किए गए भुगतान ऑफलाइन होते हैं, जिसका मतलब है कि इन लेन-देन में अतिरिक्त सुरक्षा प्रमाण (एएफए) की आवश्यकता नहीं होती और लेन-देन की जानकारी रियल टाइम में नहीं भेजी जाती।
अब तक, ऑफलाइन लेन-देन की अधिकतम सीमा 500 रुपये थी और एक भुगतान उपकरण पर कुल ऑफलाइन लेन-देन की सीमा 2000 रुपये थी। लेकिन आरबीआई ने जनवरी 2022 में जारी किए गए ऑफलाइन ढांचे में संशोधन किया था, ताकि छोटी राशि के डिजिट भुगतान को ऑफलाइन मोड में सरल बनाया जा सके।
आरबीआई की अधिसूचना में कहा गया कि यूपीआई लाइट के लिए बढ़ी हुई लिमिट एक हजार रुपये प्रति लेन-देन और कुल लिमिट 5000 रुपये होगी। इस संबंध में घोषणा अक्तूबर 2023 में की गई थी। ऑफलाइन भुगतान में अब इंटरनेट की जरूरत नहीं होगी।

