भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और मिनरल वॉटर को उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थों की श्रेणी में शामिल कर दिया है। इस बदलाव के तहत अब इन उत्पादों के लिए अनिवार्य सर्वे और तीसरे पक्ष के ऑडिट किए जाएंगे। यह फैसला सरकार के उस निर्णय के बाद लिया गया है, जिसमें BIS प्रमाणन की आवश्यकता को हटाने की बात कही गई थी।
सख्त नियम और प्रमाणन की आवश्यकता:
पैकेज्ड पानी और मिनरल वॉटर बनाने वाली कंपनियों के लिए अब FSSAI लाइसेंस के साथ-साथ BIS मार्क भी जरूरी होगा। कंपनियों को पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पहले से अधिक कड़े नियमों का पालन करना होगा।
क्यों लिया गया यह फैसला:
दूषित पानी के कारण होने वाली बीमारियों और महामारियों को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। पैकेज्ड पानी की यूनिट्स में पानी को फिल्टर कर साफ किया जाता है और उसमें जरूरी खनिज मिलाए जाते हैं। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए होती है कि पानी पीने के लिए सुरक्षित है या नहीं।
FSSAI के इस फैसले से पानी की गुणवत्ता पर सख्ती बढ़ेगी और ग्राहकों को बेहतर व सुरक्षित पानी उपलब्ध कराया जाएगा।