नाबालिग को दस्तयाब करने के दौरान नियमों की अनदेखी के आरोप में तीन पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज हुआ है। पीड़िता के पिता ने पुलिसकर्मी गोपालराम, सचिन, सुमन स्वामी और आरोपित सुनील के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। प्रार्थी ने देशनोक थानाधिकारी को भी आरोपित बनाया है, यह आरोप लगाते हुए कि पुलिसकर्मियों ने आरोपित के साथ मिलकर उनकी बेटी के साथ गलत काम किया और मामले को दबाने की कोशिश की।
क्या है पूरा मामला:
पीड़िता के पिता ने बताया कि 26 सितंबर को उनकी बेटी को आरोपित सुनील बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। पुलिस ने 5 अक्टूबर को दोनों को अयोध्या से दस्तयाब किया। 9 अक्टूबर को लौटते समय पुलिस टीम नोखा के एक होटल में रुकी, जहां दो कमरे लिए गए।
प्रार्थी का आरोप है कि इसी दौरान पुलिसकर्मियों ने उनकी बेटी पर दबाव बनाया और आरोपित ने इसका फायदा उठाते हुए उसके साथ गलत काम किया।
दबाव बनाकर बयान बदलवाने का आरोप:
प्रार्थी ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने आरोपित के साथ मिलकर नाबालिग से मजिस्ट्रेट के सामने गलत बयान दिलवाने के लिए डराया-धमकाया। 10 अक्टूबर की रात को नाबालिग को देशनोक थाने ले जाया गया और फिर नारी निकेतन भेजा गया।
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जांच शुरू:
प्रार्थी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिसकर्मियों की भूमिका की गंभीरता से जांच की जा रही है।