भारत में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के साथ, अश्लील सामग्री का मुद्दा गंभीर चिंता का विषय बन गया है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। मंत्री ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण आवश्यक है।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान मंत्री ने बताया कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर अश्लील सामग्री की भरमार हो रही है, जिसे नियंत्रित करने के लिए कानूनों को कठोर बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “पहले संपादकीय जांच होती थी, लेकिन अब सोशल मीडिया अनियंत्रित मंच बन चुका है।”
सरकार के कदम:
- स्थायी समिति की सिफारिश: मंत्री ने सुझाव दिया कि इस मुद्दे को संसद की स्थायी समिति के माध्यम से उठाकर कठोर नियम बनाए जाएं।
- संस्कृति के अनुरूप कानून: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भारतीय सांस्कृतिक और कानूनी ढांचे के अनुसार काम करने के लिए बाध्य किया जाएगा।
- युवाओं पर प्रभाव: सरकार ने युवाओं पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए सोशल मीडिया की अश्लील सामग्री पर अंकुश लगाने की बात कही है।
उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया है। भारत में भी इसी तरह के सख्त कानून बनाने की मांग बढ़ती जा रही है।