संभल में जामा मस्जिद को लेकर हुए विवाद ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा पर कांग्रेस के नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। दोनों नेताओं ने योगी सरकार पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने और माहौल खराब करने का आरोप लगाया है।
राहुल गांधी का बयान:
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा, “संभल में हिंसा और फायरिंग की घटनाएं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाजी भरा रवैया माहौल बिगाड़ने का बड़ा कारण है। प्रशासन की असंवेदनशीलता के कारण कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसके लिए सीधे तौर पर भाजपा सरकार जिम्मेदार है। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं।”
प्रियंका गांधी का बयान:
प्रियंका गांधी ने X पर लिखा, “उत्तर प्रदेश सरकार का रवैया इस मामले में पूरी तरह अनुचित रहा है। बिना सभी पक्षों को सुने जल्दबाजी में की गई कार्रवाई ने माहौल को खराब किया। सरकार ने आवश्यक प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया। यह दिखाता है कि भाजपा सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। मैं सुप्रीम कोर्ट से अपील करती हूं कि इस मामले का संज्ञान लें और न्याय सुनिश्चित करें। प्रदेश की जनता से मेरी अपील है कि वे हर स्थिति में शांति बनाए रखें।”
क्या है विवाद?
संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दाखिल एक याचिका पर कोर्ट कमिश्नर की टीम सर्वे के लिए पहुंची थी। रविवार सुबह सर्वे के दौरान मस्जिद के पास भीड़ जमा हो गई और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। हिंसा के दौरान कई वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। पुलिस को भीड़ नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। इस घटना में कई लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए हैं।
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पुलिस कार्रवाई:
योगी सरकार ने हिंसा को लेकर सख्त कार्रवाई की है। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी तेज कर दी है। वहीं, प्रशासन ने हिंसा में शामिल लोगों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाने की चेतावनी दी है।
स्थिति नियंत्रण में:
पुलिस और प्रशासन के अनुसार, संभल में अब स्थिति नियंत्रण में है। इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं, और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में भारी सुरक्षा तैनात है।

