


Disclaimer Note: -इस समाचार में दिए गए आंकड़े और जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं और किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले आपको एक पेशेवर वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना चाहिए। निवेश में जोखिम शामिल हैं और इस समाचार में शामिल कोई भी निवेश के लिए सलाह नहीं है।
भारत में अक्तूबर महीने की खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर के 5.49% से बढ़कर 6.21% पर पहुँच गई, जो 14 महीनों का उच्चतम स्तर है। इससे मुद्रास्फीति आरबीआई की लक्ष्य सीमा से ऊपर चली गई, जिससे निवेशकों में बेचैनी बढ़ी।
बुधवार को भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क सूचकांक, सेंसेक्स और निफ्टी 50, कमजोर तिमाही आय और वैश्विक दबाव के बीच गिरावट के साथ खुले। निफ्टी 23,822.45 पर और बीएसई सेंसेक्स 78,495.53 पर शुरू हुआ। शुरुआती कारोबार में एनटीपीसी, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक, टाटा मोटर्स और एशियन पेंट्स में बढ़त दर्ज की गई, जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा और मारुति जैसे शेयरों में गिरावट देखी गई।
घरेलू स्तर पर बढ़ती महंगाई से निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा है, जिससे दिसंबर में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो गई है। भारत का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) सितंबर में 3.1% बढ़ा, जो अगस्त में 0.1% की गिरावट से बेहतर रहा।

इसके अलावा, विदेशी पूंजी निकासी और घरेलू शेयर बाजार की कमजोर स्थिति के बीच रुपया 84.40 प्रति डॉलर पर पहुँच गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड 72.07 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भी मंगलवार को 3,024.31 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।