


कनाडा के ब्रैम्पटन में रविवार को एक हिन्दू मंदिर में लोगों पर हमला हुआ। यह हमला उस समय हुआ जब कनाडा स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारी मंदिर में गए थे। इस हमले की कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और विपक्षी दलों ने कड़ी निंदा की है। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हमले की निंदा करते हुए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है और न ही इस मामले में किसी की गिरफ्तारी का जिक्र किया है। ट्रूडो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “ब्रैम्पटन में आज हिन्दू सभा मंदिर पर हुई हिंसा अस्वीकार्य है। कनाडा के हर नागरिक को अधिकार है कि वो अपनी धार्मिक आस्था का आज़ादी और पूरी सुरक्षा के साथ पालन करे।”
कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने भी इस हमले पर प्रतिक्रिया दी है। उच्चायोग ने कहा, “हमने तीन नवंबर को टोरंटो के पास ब्रैम्पटन में हिन्दू सभा मंदिर के साथ मिलकर कैंप का आयोजन किया था। इसमें भारत विरोधी लोगों ने हिंसा की। स्थानीय आयोजकों के पूर्ण सहयोग के साथ चल रहे हमारे उच्चायोग के रूटीन काम में इस तरह के हंगामे को अनुमति देना गहरी निराशा से भरा है।”
ब्रैम्पटन में जिस मंदिर पर यह हमला हुआ है, वह टोरंटो से लगभग 50 किलोमीटर दूर है। इस हमले के बाद मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
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कनाडा के हिन्दू सांसद चंद्रा आर्या ने इस हमले का आरोप खालिस्तान समर्थकों पर लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस हमले से जुड़ा एक वीडियो भी शेयर किया और लिखा, “कनाडा के खालिस्तानी चरमपंथियों ने आज एक हद पार कर ली है। हिन्दू-कनाडाई श्रद्धालुओं पर खालिस्तानियों का हमला दिखाता है कि कनाडा में खालिस्तानी हिंसक चरमपंथ कितना गहरा और बेशर्म हो चुका है।” उन्होंने हिंदू-कनाडाई समुदाय से अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया है।
कनाडा के विपक्षी नेताओं ने भी हिन्दू मंदिर पर हमले की निंदा की है। कन्जर्वेटिव पार्टी के नेता और नेता प्रतिपक्ष पियर पॉलिवेयर ने एक्स पर लिखा, “ब्रैम्पटन में हिन्दू सभा मंदिर में श्रद्धालुओं पर हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है। कनाडा को सभी धर्मावलंबियों को धार्मिक रीति-रिवाज अपनाने की स्वतंत्रता है। हम इस हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं। मैं अपने देशवासियों को एकजुट करूंगा और अव्यवस्था को खत्म करूंगा।”

पीपल्स पार्टी ऑफ कनाडा के नेता मैक्सिम बर्निअर ने हमले का वीडियो शेयर करते हुए ट्रूडो की नीतियों पर तंज़ कसा और लिखा, “खालिस्तानी सिख ब्रैम्पटन के हिन्दू मंदिर में श्रद्धालुओं पर हमला कर रहे हैं। हमें इससे तनाव लेने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि विविधता ही हमारी ताक़त है।” बर्निअर ने ट्रूडो सरकार की प्रवासी नीतियों की आलोचना करते हुए कनाडा में सिख अलगाववादियों को लेकर कठोर रवैया अपनाया है।
टोरंटो के सांसद केविन वूऑन्ग ने भी इस हमले की निंदा की और आरोप लगाया कि कनाडा ऐसे उपद्रवियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बनता जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि देश के नेता हिन्दुओं को सुरक्षा देने में नाकाम रहे हैं, जैसे कि कनाडाई ईसाइयों और यहूदियों की सुरक्षा में भी असफल रहे हैं।
भारत-कनाडा राजनयिक विवाद
पिछले साल जून में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री ने इस हत्या के पीछे भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था। इस आरोप ने भारत और कनाडा के संबंधों को नाजुक बना दिया था, और दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निकाल दिया।
अमेरिका ने सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश का दावा किया था। कनाडा का मानना है कि ये दोनों मामले ‘एक ही साजिश’ का हिस्सा हैं, और कनाडा में खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा था कि कनाडा ने राजनयिक संबंधों में असामान्य कदम उठाए हैं।