


बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। हजारों की संख्या में हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यक शनिवार को सड़कों पर उतरे और सुरक्षा की मांग करते हुए विरोध मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से उनके खिलाफ हिंसा और धमकियों की घटनाएं बढ़ी हैं।
बीते अगस्त में छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली कार्यवाहक सरकार के प्रशासन में अल्पसंख्यकों पर हमले और भी बढ़े हैं। यूनुस ने हमलों को राजनीति से प्रेरित माना, लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय का कहना है कि वे धार्मिक आधार पर निशाना बनाए जा रहे हैं।

इस बीच, चटगांव में अल्पसंख्यक अधिकार रैली में भाग लेने वाले 19 लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया, जिससे अल्पसंख्यकों में आक्रोश और भी बढ़ गया है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने और न्यूनतम प्रतिनिधित्व का प्रावधान लागू करने की मांग की है।