
बीकानेर के इकतारा माहेश्वरी ने अपनी पहचान को लेकर एक बड़ा कदम उठाया। उनका कहना है कि उनका शरीर भले ही लड़के का था, लेकिन उनकी आत्मा और रुचियाँ हमेशा एक लड़की की तरह थीं। उन्होंने बचपन से ही मां की लिपस्टिक लगाना, साड़ी पहनना, बालों को सजाना, और गुड़िया से खेलना जैसे कामों में रुचि दिखाई। उनके परिवार को शुरुआत में लगा कि यह रुचियाँ समय के साथ बदल जाएंगी, लेकिन जैसे-जैसे वह बड़े होते गए, उनकी इच्छा भी प्रबल होती गई।
मां के साथ साझा किया अपना सच
इकतारा ने अपने भीतर की सच्चाई को पहले अपनी मां से साझा किया। उनकी मां ने जब यह बात उनके पिता को बताई, तो पहले पिता नाराज हुए, लेकिन फिर खुले दिल से इसे स्वीकार कर लिया और उनका साथ देने का फैसला किया।
विदेश में बिताए तीन साल और बदलाव की पीड़ा
इकतारा ने बताया कि उन्होंने तीन साल विदेश में रहकर हार्मोनल बदलाव करवाए और इस दौरान शरीर के बालों को हटाने जैसी असहनीय पीड़ाओं का सामना किया। लाखों रुपए खर्च करके जब वह पूरी तरह से लड़की बन गईं और बीकानेर वापस लौटीं, तो उनके परिवार ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया। यह स्वागत देखकर आसपास के लोग और रिश्तेदार भी इस जश्न का हिस्सा बनने आ पहुंचे।
परिवार का संदेश
इकतारा के पिता का कहना है कि किसी के परिवर्तन को समझकर उसे खुले दिल से अपनाना और साथ देना ही असली इंसानियत है।

