


राजस्थान हाईकोर्ट ने रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। जस्टिस समीर जैन की अदालत ने अधिवक्ता अजय शुक्ला को मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करने के लिए नियुक्त किया है, और कोर्ट ने दोपहर 2 बजे एक बार फिर सुनवाई की तारीख तय की है।
अधिवक्ता एसएस होरा को न्यायमित्र के रूप में नियुक्त किया गया है। कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल और एएजी राजेश चौधरी से कहा है कि अजय शुक्ला को रिपोर्ट तैयार करने में हर संभव सहायता प्रदान की जाए। साथ ही एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक और अन्य अधिकारियों को व्यक्तिगत या वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।
रेजिडेंट्स की हड़ताल से बिगड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था:
रेजिडेंट डॉक्टर्स पिछले तीन दिनों से स्टाइपेंड और वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। इसके कारण सरकारी अस्पतालों में ओपीडी और आईपीडी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, और मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। ओपीडी में मरीजों की संख्या घटकर आधी रह गई है, जबकि ऑपरेशन की वेटिंग लिस्ट में बढ़ोतरी हो गई है।

10 महीनों में पांचवीं हड़ताल:
रेजिडेंट्स की हड़ताल पिछले 10 महीनों में पांचवीं बार हो रही है, जिससे सीनियर डॉक्टर्स भी नाराज हैं और उन्होंने कार्रवाई की मांग की है। इससे हार्ट, न्यूरोलॉजी, और नेफ्रोलॉजी जैसे विभागों में मरीजों की सर्जरी की वेटिंग लिस्ट बढ़ गई है, जिससे कई मरीजों की जिंदगी खतरे में आ गई है।