


वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हालिया घटनाक्रम: सेना प्रमुख ने भारत के कड़े रुख पर दिया जोर
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव को लेकर भारत की स्थिति पर जोर दिया। उन्होंने अप्रैल 2020 में चीन के साथ शुरू हुए गतिरोध से पहले की यथास्थिति बहाल करने पर जोर देते हुए कहा कि भारत का रुख स्थिर और स्पष्ट है।
2020 से पहले की स्थिति बहाल करने की आवश्यकता
जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारत की मंशा पूर्वी लद्दाख में 2020 से पहले की स्थिति को बहाल करने की है। एक बार जब यह यथास्थिति बहाल हो जाती है, तो सैनिकों की वापसी और तनाव कम करने के अन्य कदम उठाए जा सकेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में अभी और समय लगेगा, लेकिन इसका उद्देश्य सीमा पर दीर्घकालिक शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना है।
बफर जोन में घुसपैठ न हो
बफर जोन के महत्व पर बात करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली के लिए बफर जोन का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत-चीन के बीच भरोसे की बहाली तभी संभव होगी जब इन बफर जोन में किसी भी प्रकार की घुसपैठ न हो। उनका संकेत था कि घुसपैठ चीन की ओर से की जाती है, जैसा कि गलवान घाटी में देखा गया था।

पेट्रोलिंग से पारदर्शिता और विश्वास
जनरल द्विवेदी ने पेट्रोलिंग के महत्व को रेखांकित किया, जिससे दोनों पक्षों के बीच पारदर्शिता और भरोसा बना रहे। पेट्रोलिंग से यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी प्रकार की गलतफहमी से बचा जा सके, और इससे तनाव कम करने के प्रयासों को मजबूती मिलेगी।
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हालात सामान्य नहीं, लेकिन स्थिर
उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पर स्थिति स्थिर है, लेकिन सामान्य नहीं है। जब तक अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बहाल नहीं होती, तब तक स्थिति तनावपूर्ण बनी रहेगी। भारत हर परिस्थिति से निपटने के लिए ऑपरेशनल रूप से तैयार है।