


कई लोग इनकम टैक्स रिफंड पाने के लिए फर्जी दस्तावेज़, जैसे कि हाउस रेंट, डोनेशन या गलत खर्चों को बढ़ाकर दिखाते हैं, जिससे टैक्स विभाग की नजरें अब इन मामलों पर गहरी हो गई हैं। इनकम टैक्स विभाग ने वित्त वर्ष 2023-24 और एसेसमेंट ईयर 2024-25 के दौरान ऐसे हाई-रिस्क रिफंड क्लेम की जांच करने की योजना बनाई है, ताकि फर्जीवाड़ा करने वालों पर नकेल कसी जा सके।
फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त कदम:
इनकम टैक्स विभाग ने फर्जी हाउस रेंट अलाउंस और डोनेशन के आधार पर किए गए रिफंड क्लेम की जांच शुरू की है। यदि किसी व्यक्ति या संगठित समूह ने गलत जानकारी देकर टैक्स रिफंड लिया है, तो विभाग कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। टैक्स बचाने के लिए फर्जी खर्च दिखाने पर विभाग सख्त एक्शन लेने की चेतावनी दे रहा है।
जांच के प्रमुख बिंदु:
- कॉमन ईमेल और फोन नंबर: टैक्स विभाग यह जांच कर रहा है कि क्या एक ही ईमेल आईडी या मोबाइल नंबर से कई फर्जी हाउस रेंट या डोनेशन क्लेम किए गए हैं।
- फर्जी डिडक्शन: क्या धारा 80जी के तहत फर्जी डोनेशन दिखाकर टैक्स में कटौती की जा रही है?
- संदिग्ध खर्च: क्या खर्चों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है ताकि टैक्स बचाया जा सके?
एसओपी इंस्ट्रक्शन और जांच प्रक्रिया:
डायरेक्टोरेट ऑफ इनकम टैक्स सिस्टम्स ने ऐसे हाई-रिस्क मामलों की जांच के लिए एसओपी (Standard Operating Procedure) जारी कर दी है। इसमें असेसिंग ऑफिसर, टीडीएस चार्ज ऑफिसर और इन्वेस्टिगेशन विंग को निर्देश दिए गए हैं। अब इन मामलों की जांच सेंट्रल रिजिस्ट्री यूनिट्स के नोडल ऑफिसर्स को भी सौंपी जाएगी।

फर्जीवाड़े की पहचान और नोटिस:
इनसाइट पोर्टल और ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से उन लोगों की पहचान की जा रही है जिन्होंने एक ही ईमेल या फोन नंबर से कई टैक्स रिटर्न फाइल किए हैं। ऐसे लोगों को विभाग द्वारा नोटिस भेजा जाएगा और मामले की पुष्टि करने को कहा जाएगा। यदि फर्जीवाड़ा साबित होता है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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नोट: टैक्स फर्जीवाड़ा गंभीर अपराध है और इससे बचने की सलाह दी जाती है। टैक्स कानूनों का पालन करते हुए सही जानकारी के साथ रिटर्न फाइल करना हमेशा लाभदायक रहेगा।