विप्र फ़ाउंडेशन युवा प्रकोष्ठ बीकानेर द्वारा राष्ट्रीय सचिव ज़ोन प्रभारी भँवर पुरोहित और प्रदेशाध्यक्ष धनसुख सारस्वत के नेतृत्व में जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। इस ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि राजस्थान में आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान परीक्षार्थियों के साथ की जाने वाली जांच प्रक्रिया को सरकार संज्ञान में ले और तुरंत प्रभाव से इसमें नवीनीकरण करे।
जिला संगठन महामंत्री पंकज पीपलवा ने बताया कि राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की मौजूदा जांच प्रक्रिया को लेकर विप्र समाज और अन्य समुदायों में आक्रोश है। इसे ध्यान में रखते हुए, विप्र फ़ाउंडेशन युवा प्रकोष्ठ ने जांच प्रक्रिया में सुधार की मांग हेतु यह ज्ञापन सौंपा है।
प्रदेश संगठन महामंत्री दिनेश ओझा ने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर होने वाली जांच के नाम पर धर्म और संस्कार विरोधी घटनाएं हो रही हैं, जिनमें शिखा, यज्ञोपवीत (जनेऊ) से छेड़छाड़ और विवाहिता महिलाओं के सुहाग प्रतीकों को उतरवाने जैसे अमानवीय और असंवेदनशील व्यवहार शामिल हैं। यह सनातन आस्था पर गंभीर आघात है और न्यायसंगत नहीं है।
जिलाध्यक्ष किशन जोशी ने बताया कि विप्र फ़ाउंडेशन सरकार से अपील करता है कि इस मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लिया जाए और संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश देकर जांच प्रक्रिया में न्यायसंगत और मानवीय संवेदना से परीक्षार्थियों के साथ व्यवहार किया जाए।
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इस अवसर पर नवनीत पारीक (महामंत्री), प्रकाश उपाध्याय (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), युवराज व्यास (उपाध्यक्ष), सौरभ शर्मा (उपाध्यक्ष), सौरभ पारीक (उपाध्यक्ष), हिमांशु सारस्वत (उपाध्यक्ष), गोपाल पुरोहित (उपाध्यक्ष), राम कुमार जोशी (सदस्य), विजय पाईवाल (प्रदेश उपाध्यक्ष), नारायण पारीक (प्रदेश सचिव), रमेश उपाध्याय (प्रदेश कार्यालय मंत्री), दीपक हर्ष (प्रदेश संगठन महामंत्री), रामस्वरूप हर्ष (मजदूर प्रकोष्ठ अध्यक्ष), सुभाष पुरोहित, कैलाश सारस्वत (जिला उपाध्यक्ष) और सामाजिक समरसता प्रकोष्ठ से देवेंद्र पवार सहित अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

