


समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के अपने कार्यक्रम के दौरान गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें दिखाया गया कि जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) के मुख्य गेट पर टिन की बैरिकेडिंग लगाई जा रही थी। उन्होंने कहा कि किसी को श्रद्धांजलि देने से रोकना सभ्य समाज की पहचान नहीं हो सकती।
अखिलेश यादव का यह दौरा सपा कार्यकर्ताओं के बीच काफी प्रतीकात्मक महत्व रखता है, क्योंकि वे हर साल जेपीएनआईसी में जयप्रकाश नारायण की जयंती मनाते हैं। इस बार, जेपीएनआईसी को सील कर दिया गया है और पुलिस बल की तैनाती की गई है, जिससे सपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं में आक्रोश है। अखिलेश यादव के घर के बाहर भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
इस घटनाक्रम से नाराज सपा कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव के आवास पर इकट्ठा होना शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “यह सरकार जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) को बेचना चाहती है। ये टिन शेड लगाकर सरकार कुछ छिपाना चाह रही है। पुलिस की यह बैरिकेडिंग सपा के कार्यकर्ताओं को रोक नहीं पाएगी। जब पुलिस वहां से हटेगी, तब हम वहां माल्यार्पण करेंगे।”
अखिलेश यादव का आरोप है कि सरकार जेपीएनआईसी को किसी बड़े व्यापारी को बेचने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह लगातार दूसरी बार है जब उन्हें और सपा कार्यकर्ताओं को जयप्रकाश नारायण की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने से रोका गया है।
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विपक्ष के नेताओं ने भी इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा, “जयप्रकाश नारायण आजादी की लड़ाई में बड़े नेता थे और सभी राजनीतिक दलों द्वारा सम्मानित किए जाते हैं। पिछली बार भी अखिलेश यादव को माल्यार्पण से रोका गया था, लेकिन हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष वहां गए और माल्यार्पण किया। मुझे समझ नहीं आता कि माल्यार्पण करने से सरकार को क्या परेशानी हो सकती है? कहीं ऐसा तो नहीं कि सरकार जेपीएनआईसी में कोई गड़बड़ी छिपाने का प्रयास कर रही है?”
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, “पिछले साल भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी। उन्होंने वाराणसी में सर्व सेवा संघ को ध्वस्त कर दिया और अब ऐसा लग रहा है कि वे जेपीएनआईसी को भी किसी बड़े व्यापारी को बेचने की कोशिश कर रहे हैं।”
इस पूरे घटनाक्रम से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता नाराज हैं, और इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ मान रहे हैं। वहीं, सरकार की तरफ से अभी तक इस पर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है।