


कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित एक खाली पड़ी जमीन पर हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित करने से विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। खंडेलवाल समाज ने इस जमीन पर अपना स्वामित्व होने का दावा किया है, जबकि दूसरी ओर प्रतिमा स्थापित करने वाले लोगों का कहना है कि इतने सालों से खाली पड़ी इस जमीन पर कोई दावेदारी नहीं की गई थी, लेकिन अब प्रतिमा स्थापित होते ही विरोध किया जा रहा है।
मामला तब शुरू हुआ जब कोतवाली थाना क्षेत्र में खंडेलवाल स्कूल के पास कुछ लोगों ने खाली जमीन पर हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित की। इस आयोजन के दौरान विधिपूर्वक पूजा-पाठ और भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें मोहल्ले के लोग शामिल हुए। प्रतिमा स्थापना के बाद खंडेलवाल समाज ने इस जमीन पर अपना अधिकार जताया और प्रतिमा हटाने की मांग की, जबकि स्थानीय लोगों ने कहा कि यह जमीन पिछले 300 वर्षों से खाली थी और यहां धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं।
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विवाद की जानकारी मिलते ही खंडेलवाल समाज के प्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंचकर विरोध दर्ज कराया। उनका कहना है कि यह जमीन उनके स्कूल की है, जिसे उन्होंने भविष्य के निर्माण कार्य के लिए खाली छोड़ा था। समाज के अनुसार, प्रतिमा स्थापना बिना अनुमति के की गई है और इसे हटाने की मांग की गई है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय पुलिस को बुलाया गया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया। खंडेलवाल समाज का कहना है कि यदि उनकी जमीन पर अवैध कब्जे का प्रयास किया जाएगा, तो वे इसका कड़ा विरोध करेंगे, वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि वे प्रतिमा को हटाने नहीं देंगे और नियमित पूजा-अर्चना जारी रखेंगे।
विवाद के समाधान के लिए पुलिस की निगरानी में बातचीत की प्रक्रिया शुरू की गई है।