अस्पताल की मोर्चरी में हुई लापरवाही ने अस्पताल कर्मियों के कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीबीएम अस्पताल की मोर्चरी में शवों की अदला-बदली की घटना सामने आई, जहां टैग लगे होने के बावजूद गलत शव परिजनों को सौंप दिया गया।
जानकारी के अनुसार, भठिंडा का एक युवक, जिसे नागौर खुनखुना थाना पुलिस गंभीर रूप से घायल अवस्था में अस्पताल लाई थी, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसी समय, नोखा पुलिस एक अज्ञात शव लेकर अस्पताल पहुंची और उसका पोस्टमार्टम करवा दिया। वहीं, भठिंडा के मृतक के परिजन पोस्टमार्टम नहीं करवाना चाहते थे और इसके लिए लिखित सहमति पुलिस को दे दी थी।
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जब भठिंडा के परिजन शव लेकर रवाना हुए, तो कुछ दूर जाने के बाद उन्हें शक हुआ। उन्होंने शव का चेहरा देखा और पाया कि वह किसी और का था। घबराए परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। इसके बाद, सदर थाना पुलिस ने दोनों शवों को सही परिजनों तक पहुंचाया। इस घटना ने मोर्चरी में कार्यरत स्टाफ की लापरवाही को उजागर कर दिया है, जिससे अस्पताल प्रबंधन पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। टैगिंग सिस्टम होते हुए भी इस तरह की गलती कैसे हुई, यह जांच का विषय बन गया है।

