


घटना बुधवार अलसुबह की है, जब अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के बाद खाली पंडाल में अचानक बकरे की मुंडी और कटे हुए पैर पाए गए। यह घटना चमना बावड़ी स्थित गणेश पंडाल की है, जिसे देखने के बाद मौके पर तनाव फैल गया। गणेश उत्सव समिति के कार्यकर्ता और पदाधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए, और आक्रोशित होकर धरने पर बैठ गए।
पुलिस ने स्थिति को संभालने का प्रयास किया, लेकिन घटना की गंभीरता को देखते हुए शहर में गुस्से का माहौल तेजी से फैल गया। विभिन्न हिंदू संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पंडाल के बाहर इकट्ठा होने लगे। उन्होंने इसे धार्मिक भावनाओं पर सीधा आघात बताया और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया।
नगर परिषद सभापति रघुनंदन सोनी और अन्य प्रमुख नागरिक धरना स्थल पर पहुंचे, जहां उन्होंने घटना की कड़ी निंदा की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से त्वरित कार्रवाई की मांग की।
घटना के विरोध में पूरे शाहपुरा के बाजार बंद करवा दिए गए, और शहर भर में युवाओं ने प्रदर्शन किया। नप सभापति ने इसे शाहपुरा की शांतिपूर्ण फिजा को बिगाड़ने का एक सुनियोजित षड्यंत्र बताया।
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शाहपुरा पुलिस ने कहा कि वे इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं और दोषियों की तलाश में जुट गए हैं। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, और उच्च अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
इस घटना ने शहर के सांप्रदायिक सौहार्द पर सीधा हमला किया है, और स्थानीय संगठनों की मांग है कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर सख्त सजा दी जाए।