


जब ज़ाकिया रफ़ीकी को पता चला कि 2018 की फिल्म ‘लैला मजनू’ सिनेमाघरों में दोबारा आ रही है, तो उन्होंने सोचा कि वे इसे फिर से देखने का मौका नहीं छोड़ेंगी।
अपनी बहन के साथ फिल्म देखने आई ज़ाकिया रफ़ीकी कहती हैं, ”2018 में मैं उन चंद लोगों में से थी जो इस फिल्म को देखने आए थे. इस बार कई लोग आए हैं. बहुत से लोग इस फिल्म को देखते हुए हँस रहे थे, रो रहे थे.”
रफ़ीकी कहती हैं कि इस फिल्म से उनका ”भावनात्मक जुड़ाव” है, ये प्रेम कहानी कश्मीर की पृष्ठभूमि पर उकेरी गई है, जहां से वो ताल्लुक रखती हैं.

उनका ये भी कहना है कि, “अपने घर के हिस्से को बड़े पर्दे पर देखना सुखद अनुभव है. जब वो कश्मीर की सड़कों पर गाड़ी में सैर कर रहे होते हैं, आपको लगता है आप वहां खुद मौजूद हैं.”