


फ़्रांस में जनता नए प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर आई है. प्रदर्शनकारी मिशेल को प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने का विरोध कर रहे हैं.
कुछ दिनों पहले ही फ़्रांस में चुनाव हुए थे. इस चुनाव में दक्षिणपंथी पार्टियों को हराने के लिए वामपंथी दलों ने अपना गठबंधन बनाया था.
हलांकि पूरे चुनाव के दौरान दक्षिणपंथी पार्टियां मज़बूत नज़र आ रही थीं, लेकिन आख़िर में नतीजे वामपंथी पार्टियों के पक्ष में रहे.
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दक्षिणपंथी नेता मिशेल बार्नियर को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है, जिसके बाद लोगों में नाराज़गी है.
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शनिवार को क़रीब एक लाख से भी ज़्यादा की तादाद में लोगों ने मिशेल की नियुक्ति का विरोध करते हुए सड़कों पर प्रदर्शन किया.

यह विरोध ट्रेड यूनियनों और एनपीएफ़ के सदस्य कर रहे हैं. वे इस बात से नाराज़ हैं कि राष्ट्रपति ने उनके उम्मीदवार को प्रधानमंत्री पद के लिए खारिज कर दिया.
फ़्रांस के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि पूरे देश भर में क़रीब एक लाख 10 हज़ार लोग इस प्रदर्शन में शामिल हुए. फ़्रांस की राजधानी पेरिस से भी क़रीब 26 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया.
वहीं, दूसरी ओर यूरोपीय संघ के पूर्व ब्रेक्जिट वार्ताकार मिशेल बार्निए ने कहा कि वो सरकार बनाने के लिए लेफ्ट सहित अन्य दलों से बात करने को तैयार है.स में लोग नए प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर आए हैं. लोग उनके प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने का विरोध कर रहे हैं.
सारांश
फ़्रांस में नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति के ख़िलाफ़ हज़ारों की संख्या में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं
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