सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फ़ैसले में कहा था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में सब-कैटेगरी को भी आरक्षण दिया जा सकता है.
इस फ़ैसले के बाद राज्य अनुसूचित जाति और जनजातियों के आरक्षण में आंकड़ों के आधार पर सब-क्लासिफिकेशन यानी वर्गीकरण कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद देश में राजनीतिक पारा बढ़ गया था. शुक्रवार को एससी एसटी वर्ग के सांसदों ने पीएम मोदी से मुलाक़ात कर ज्ञापन सौंपा था.
एससी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सरकार की ओर से पक्ष रखा है.
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रेल मंत्री ने कहा है कि अभी हाल ही में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के विषय में एक निर्णय दिया है. इस फै़सले में सुप्रीम कोर्ट ने एससी और एसटी के आरक्षण के विषय में कुछ सुझाव दिए हैं.
अश्विनी वैष्णव ने कहा, “आज प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट में इस विषय पर विस्तृत चर्चा हुई है और कैबिनेट का सुविचारित मत है कि एनडीए सरकार बाबा साहब के बनाए हुए संविधान के प्रावधानों के प्रति प्रतिबद्ध और संकल्पबद्ध है.”
रेल मंत्री ने कहा, “बाबा साहेब के बनाए हुए संविधान के अनुसार एससी और एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है.”
उन्होंने कहा, “कैबिनेट का सुविचारित मत है संविधान के अनुसार ही एससी और एसटी के आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए.”

