


मुंबई के एनजी आचार्य एंड डीके मराठे कॉलेज ने हिजाब पर जो पाबंदी लगाई थी, उस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने उस पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया है कि छात्रों को ऐसा ड्रेस पहनना होगा जिससे कोई धर्म उजागर ना होता हो. जैसे कि छात्र बुर्क़ा, नक़ाब, हिजाब, टोपी, बैज और स्टॉल जैसी चीजें नहीं पहन सकते.
26 जून को बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस नियम को बरक़रार रखते हुए कहा था कि ड्रेस कोड अभिव्यक्ति या धर्म के किसी भी मौलिक अधिकार का हनन नहीं करता है.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन नियमों के आधार पर ही सवाल खड़े किए. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने पूछा कि किसी धर्म को उजागर ना करने से आपका क्या मतलब है? नाम का भी एक धर्म होता है. अब इस मामले की अगली सुनवाई नवंबर में होगी.