जम्मू-कश्मीर में मौजूद आतंकियों का पूरी तरह से सफाया करने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों ने कमर कस ली है। विभिन्न स्थानों पर सेना के अलावा केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ाई जा रही है। पाकिस्तान से लगते बॉर्डर की पुख्ता सुरक्षा के लिए बीएसएफ के दो हजार जवानों को भी जम्मू-कश्मीर भेजा जा रहा है। इंटेलिजेंस नेटवर्क की कार्यप्रणाली में बदलाव किया गया है। इन सबके बीच सोशल मीडिया में अमजद अयूब मिर्जा का एक ट्वीट चर्चा में है।
उन्होंने अपने ट्वीट में दावा किया है कि पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) के 600 कमांडो कुपवाड़ा और दूसरी जगहों पर छिपे हैं। ये बड़े आतंकी हमलों की प्लानिंग कर रहे हैं। टेरर अटैक की प्लानिंग में पाकिस्तान सेना के दो बड़े अधिकारी शामिल हैं। सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर अमजद अयूब मिर्जा, जो ब्रिटेन में खुद को लेखक, ब्रॉडकास्टर और मानवाधिकार कार्यकर्ता बताते हैं, ने 28 जुलाई को लिखा कि एसएसजी की एक पूरी बटालियन ने भारत में घुसपैठ कर ली है। मिर्जा ने कुपवाड़ा के आसपास, पाकिस्तानी कमांडो की कथित मौजूदगी का दावा किया है।
उन्होंने यह भी लिखा है कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकी हमलों के लिए एसएसजी कमांडो को लोकल स्तर पर मदद मिल रही है। लोकल आतंकी संगठन भी दहशतगर्दों और पाकिस्तानी सेना की मदद कर रहे हैं। वहां पर स्लीपर सेल भी एक्टिव हैं। भारतीय सीमा में ये स्लीपर सेल, एसएसजी की सप्लाई चेन का जरिया बने हैं। आतंकियों को इन्हीं लोगों के द्वारा ट्रांसपोर्ट की मदद दी जा रही है। अमजद अयूब मिर्जा ने आगे लिखा है, एसएसजी जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल आदिल रहमानी, जम्मू में आतंकी हमलों पर नजर रख रहे हैं।
- Advertisement -
पाकिस्तानी फौज का लेफ्टिनेंट कर्नल शाहिद सलीम जंजुआ, हमलों की कमान संभाल रहा है। पाकिस्तानी कमांडो और दहशतगर्दों ने भारतीय सेना की 15 कोर से भिड़ने की योजना बनाई है, जिसे चिनार कोर के नाम से भी जाना जाता है। कश्मीर घाटी में आतंकियों की कमर तोड़ने में इस कोर का नाम गौरव के साथ लिया जाता है। मिर्जा ने यह भी लिखा है कि पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में एसएसजी की दो और बटालियन मौजूद हैं। भारत में आतंकवाद की घटनाओं को अंजाम देने के लिए इन बटालियनों को तैयार किया गया है। इन्हें भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कराने का प्रयास किया जा रहा है। मिर्जा ने आखिर में लिखा है, अगर लोकल जिहादियों की मदद से पाकिस्तानी बटालियन भारत में घुसपैठ करने में कामयाब हो जाती हैं तो पीर पंजाल के पहाड़ों में कारगिल युद्ध जैसी आशंका बन सकती है।

