सावन, जिसे श्रावण माह के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदू कैलेंडर का सबसे महत्वपूर्ण महीना है। इस दौरान भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं। श्रावण माह (Sawan 2024) हिंदुओं, विशेषकर शिव भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है। ऐसी मान्यता है कि यह वही पावन समय है, जब देवों के देव महादेव धरती पर अपने भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए आते हैं।
इस साल सावन की शुरुआत 22 जुलाई से होगी। वहीं, जब सावन को कुछ ही दिन शेष रह गए हैं, तो आइए भारत के प्रसिद्ध शिव धाम बिजली महादेव मंदिर पर नजर डालते हैं, जिनकी महिमा का गुणगान दूर-दूर तक फैला हुआ है।
बिजली महादेव मंदिर

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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में ऐसे कई दिव्य मंदिर विराजमान हैं, जिनकी महिमा का गुणगान जितना भी किया जाए, उतना कम है। आज हम बात कर रहे हैं कुल्लू (Kullu) घाटी के सुंदर गांव काशवरी में स्थित बिजली महादेव मंदिर (Bijli Mahadev Temple) की, जिसके चमत्कार की चर्चा दुनिया भर में है। इस पवित्र धाम में हजारों लोग हर साल दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। यह धाम 2460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
ऐसा कहा जाता है कि इस कल्याणकारी मंदिर (Bijli Mahadev Mandir) में भोलेनाथ के ऊपर हर 12 साल में एक बार बिजली गिरती है, जिसके पश्चात शिवलिंग कई टुकड़ों में बंट जाता है, लेकिन इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि मंदिर के पुजारियों द्वारा एक प्राचीन लेप से जोड़े जाने पर यह शिवलिंग पुन: जुड़ जाता है। कहते हैं कि लेप के लिए कुछ प्राचीन सामग्री व दाल के आटे, अनाज और मक्खन आदि से बने पेस्ट का उपयोग किया जाता है।
हालांकि इस रहस्य को अभी तक कोई समझ नहीं पाया है। बता दें, इस पवित्र धाम में भक्तों की भारी मात्रा में भीड़ उमड़ती है। इसके साथ ही लोगों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

