


लोकसभा चुनाव में एनडीए की 292 सीटों पर जीत के साथ ही नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं.
9 जून की शाम को नरेंद्र मोदी और सरकार की मंत्री परिषद के सदस्य शपथ लेंगे. शुक्रवार को एनडीए की बैठक हुई जिसमें मोदी को संसदीय दल का नेता चुना गया.
इसके बाद शुक्रवार शाम मोदी ने कहा कि “एनडीए के साथियों ने एक बार फिर मुझे इस दायित्व के लिए पसंद किया है और इसकी जानकारी राष्ट्रपति को दी है. राष्ट्रपति ने मुझे बुलाया और मुझे शपथ ग्रहण समारोह और मंत्री परिषद के सदस्यों की सूची के लिए बुलाया था.”
उन्होंने कहा कि 9 जून की शाम को नई सरकार शपथ लेगी शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन के फ़ोरकोर्ट में होगा.
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किस-किस को भेजा गया न्योता
18वीं लोकसभा के शपथ ग्रहण समारोह में कई देशों के प्रमुख बुलाए गए हैं.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया है कि इस समारोह में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफ़ीफ़, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू को आने का निमंत्रण दिया गया है.

बयान में कहा गया है कि इन नेताओं ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है.
हालांकि बयान के अनुसार भारत सरकार ने पड़ोसी पाकिस्तान, चीन और म्यांमार को समारोह में शामिल होने का न्योता नहीं दिया है.
केंद्र सरकार की विज्ञप्ति के मुताबिक़ शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने वाले विदेशी नेताओं को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन में रात्रि भोज देंगी.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि पड़ोसी देशों के नेताओं को भारत की ‘नेबरहुड पॉलिसी’ और ‘सागर’ विज़न के तहत बुलाया गया है.
इसके अलावा समारोह के लिए 8,000 से ज़्यादा मेहमानों के लिए बैठने की व्यवस्था की गई है. सरकार की तरफ़ से मेहमानों की सूची तैयार कर निमंत्रण कार्ड भेज दिए गए हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार मेहमानों की सूची में वकील, डॉक्टर, कलाकार, सांस्कृतिक कलाकार और प्रभावशाली लोग शामिल हैं.