


पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में नागपुर की एक ज़िला अदालत ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस के इंजीनियर निशांत अग्रवाल को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है.
अग्रवाल को 14 साल का सश्रम कारावास भी भुगतना होगा. कोर्ट ने उन पर 3,000 रुपये का ज़ुर्माना भी लगाया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, जज एमवी देशपांडे ने अपने आदेश में कहा है कि अग्रवाल को आईडी एक्ट की धारा 66 (एफ़) के तहत दंडनीय अपराध के लिए सीपीसी की धारा 235 और ऑफ़िशियल सीक्रेट्स एक्ट (ओएसए) की विभिन्न धाराओं में दोषी क़रार दिया गया है.
विशेष अभियोजक ज्योति वजानी ने कहा, “कोर्ट ने निशांत अग्रवाल को आजीवन कारावास के साथ ही 14 साल के लिए सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई.”
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निशांत अग्रवाल नागपुर में कंपनी ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रा.लि. के रिसर्च विंग में काम कर रहे थे. साल 2018 में मिलिट्री इंटेलिजेंस और यूपी के एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में उन्हें गिरफ़्तार किया गया था.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस कंपनी भारत के डीआरडीओ और रूस के मिलिट्री इंडस्ट्रियल कंसोर्टियम का संयुक्त प्रोजेक्ट है.