


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मोदी सरकार के अगले कार्यकाल में ही देशभर में समान नागरिक संहिता लागू कर दी जाएगी। शाह ने कहा कि अगर भाजपा की सत्ता में वापसी होती है तो सभी हितधारकों से व्यापक चर्चा के बाद यूसीसी को लाया जाएगा। एक इंटरव्यू के दौरान अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार का अगला कार्यकाल कई मायनों में अहम होगा क्योंकि इसी दौरान एक देश-एक चुनाव को भी लागू किया जाएगा। शाह ने कहा कि अब समय आ गया है, जब देशभर में एक साथ चुनाव हों।
शाह बोले- यूसीसी लागू करना हमारी जिम्मेदारी
शाह ने कहा ‘समान नागरिक संहिता हम पर एक जिम्मेदारी है, जिसे हमारे संविधान निर्माता हम पर, हमारी संसद पर और राज्य विधानसभाओं पर छोड़कर गए हैं। संविधान सभा ने हमारे लिए जो मार्गदर्शक सिद्धांत तय किए थे, उनमें समान नागरिक संहिता भी शामिल है। यहां तक कि उस समय भी कानूनी विद्वानों जैसे केएम मुंशी, राजेंद्र बाबू, आंबेडकर जी ने कहा था कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर कानून नहीं होने चाहिए। समान नागरिक संहिता होनी चाहिए।’
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शाह ने कहा ‘समान नागरिक संहिता हम पर एक जिम्मेदारी है, जिसे हमारे संविधान निर्माता हम पर, हमारी संसद पर और राज्य विधानसभाओं पर छोड़कर गए हैं। संविधान सभा ने हमारे लिए जो मार्गदर्शक सिद्धांत तय किए थे, उनमें समान नागरिक संहिता भी शामिल है। यहां तक कि उस समय भी कानूनी विशेषज्ञों जैसे केएम मुंशी, राजेंद्र बाबू, अंबेडकर जी ने कहा था कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर कानून नहीं होने चाहिए। समान नागरिक संहिता होनी चाहिए।’

‘हमारे एजेंडे में 1950 से ही है समान नागरिक संहिता’
गृह मंत्री ने कहा कि ‘भाजपा ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करके एक प्रयोग किया है क्योंकि यह राज्यों और केंद्र दोनों का विषय है। समान नागरिक संहिता हमारे एजेंडे में साल 1950 से ही है और हाल ही में भाजपा शासित राज्य उत्तराखंड में इसे लागू भी कर दिया गया है।’ अमित शाह ने कहा ‘मुझे लगता है कि समान नागरिक संहिता एक बड़ा सामाजिक, कानूनी और धार्मिक सुधार होगा। उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाए कानून की भी सामाजिक और कानूनी जांच भी होनी चाहिए और धार्मिक नेताओं से भी सलाह ली जानी चाहिए।’
उन्होंने कहा ‘मेरा मतलब है कि इस मुद्दे पर व्यापक बहस होनी चाहिए और अगर कुछ भी बदलाव की जरूरत महसूस होती है तो उत्तराखंड सरकार को वह बदलाव करना चाहिए। यह मामला कोर्ट में भी जरूर जाएगा और न्यायपालिका भी इस पर अपना विचार देगी। इसके बाद राज्य विधानसभाओं और संसद को भी इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और कानून को लागू करना चाहिए। यही वजह है कि हमने अपने संकल्प पत्र में भी लिखा है कि भाजपा पूरे देश में समान नागिरक संहिता लागू करेगी।’ क्या देश में अगले पांच वर्षों में समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी? इसके जवाब में अमित शाह ने कहा ‘यह अगले कार्यकाल में हो सकता है। पांच साल इसके लिए पर्याप्त समय है।’
‘एक देश एक चुनाव’ भी अगले कार्यकाल से ही लागू करने की तैयारी
एक देश एक चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर अमित शाह ने कहा ‘पीएम मोदी ने रामनाथ कोविंद समिति का गठन किया था। मैं भी उसका सदस्य था। यह रिपोर्ट जमा कर दी गई है और अब समय भी आ गया है, जब देश में चुनाव एक साथ कराए जाएं।’ उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में ही इसे लागू करने की कोशिश की जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा एक साथ चुनाव कराने से चुनाव की लागत भी कम होगी। इन आम चुनाव में मतदाता भीषण गर्मी से परेशान हैं और इसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ा है। ऐसे में क्या चुनाव गर्मी के बजाय सर्दियों के मौसम में कराए जा सकते हैं? इसके जवाब में शाह ने कहा कि हम इस पर विचार कर सकते हैं। ऐसा हो सकता है। अभी स्कूली छात्रों की छुट्टियां चल रही हैं, जिसके चलते काफी परेशानी होती है। समय के साथ चुनाव होते होते गर्मियों के मौसम में होने लगे हैं।