


इंदौर की पहचान ‘मध्य प्रदेश के मुंबई’ के तौर पर रही है. चाहे वो खाने-पीने की बात हो या फिर जीने का तरीका ही क्यों न हो. ये शहर पूरे मध्य प्रदेश से अपनी बिलकुल अलग पहचान रखता है.
देश का सबसे साफ़-सुथरा शहर कहे जाने वाले इंदौर में देर रात तक चहल-पहल रहती है. यहाँ लोक सभा के लिए 13 मई को मतदान होगा.
लेकिन अब इसको लेकर कोई चहल-पहल नहीं दिखाई दे रही है. चुनाव के रंग भी नदारद हैं और लोगों के बीच जो हमेशा से चुनावों को लेकर उत्साह रहता था -वो भी नहीं दिखता.
अभी पिछले साल नवंबर में यहां विधानसभा के चुनाव हुए थे. चुनाव की रौनक़ भी थी और संघर्ष भी मज़ेदार था. हर खाने-पीने वाले ठीये पर चुनाव की ही चर्चा होती रहमगर लोकसभा का चुनाव यहाँ हो रहा है? ये देखने से तो नहीं लगता.
- Advertisement -

ना किसी की दिलचस्पी है और ना ही कोई इसको लेकर कोई बात ही कर रहा है. लेकिन 29 अप्रैल तक ऐसा नहीं था. क्योंकि वो नामांकन वापस लेने की आख़िरी तारीख़ थी.
उसी दिन अचानक ऐसा कुछ हुआ कि पूरा शहर सकते में आ गया. अंतिम क्षणों में अचानक कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया.
कुछ ही घंटों में उनकी तस्वीरें भारतीय जनता पार्टी का गमछा पहने हुए पूरे सोशल मीडिया पर छा गईं.ती थी.