

संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में मरीजोंकी सुविधा तथा चिकित्सकों के चैंबर में लगाए गए वातानुकूलित संयंत्रों से हर सर्दी में कॉपर के वायर चोरी हो जाते हैं। इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। इस वजह से हर गर्मी के सीजन में लाखों रुपए एसी को चालू करने में लग जाते हैं। अस्पताल के आईसीयू तथा ऑपरेशन थियेटर के अलावा कई चिकित्सकों के चैंबर में ऐसी लगे हुए हैं। एक अनुमान के मुताबिक अस्पताल में करीब 800 एसी लगे हुए हैं। सर्दी के सीजन में एसी का कोई उपयोग नहीं होने के कारण इसके कॉपर के पाइप चोरी हो जाते हैं। गत दिनों ईएमडी विभाग के श्रमिकों ने एसी को संभालना शुरू किया, तब मालूम चला की बड़ी संख्या में एसी के कॉपर वायर चोरी हो गए हैं। हालांकि अभी तक किसने कॉपर पाइप चोरी किए हैं। इसकी जानकारी न तो अस्पताल प्रशासन के पास है और न ही ईएमडी के श्रमिकों को मालूम है। जबकि हर साल एसी के कॉपर पाइप चोरी होते हैं। इसके अलावा आउटर भी चोरी हो जाते हैं। ऐसे में एसी खिलौने बन कर रह जाते हैं। जिन एसी के कॉपर पाइप चोरी हो जाते हैं दुरुस्त करने के लिए कॉपर पाइप नए लगाने पड़ते हैं। ऐसे में प्रति एसी करीब डेढ़ हजार रुपए खर्च आता है। इसे देखते ही ईएमडी विभाग ने जितने भी एसी के कॉपर पाइप चोरी हो जाते हैं, उन्हें दुरुस्त करने के लिए कॉपर पाइप नए लगाने पड़ते हैं। ऐसे में प्रति एसी करीब डेढ़ हजार रुपए खर्च आता है। इसे देखते हुए ईएमडी विभाग ने जितने भी एसी के कॉपर पाइप चोरी हुए हैं। ट्रोमा सेंटर में सबसे अधिक करीब 70 एसी लगे हुए हैं। इसमें से अधिकांश एसी के कॉपर पाइप चोरी हो गए हैं।
