


बीकानेर। एशिया की सबसे बड़ी युद्धाभ्यास स्थली महाजन फील्ड फायरिंग रेंज एक बार फिर विदेशी सैनिकों के साथ हमारी सेना के संयुक्त युद्धाभ्यास का साक्षी बनी है। रेंज के धोरे राइफल से निकल रही गोलियों की आवाज के साथ बम के धमाकों से गूंज रहे हैं।
पहले पांच दिन के अभ्यास में भारत और यूएई के 90 सैनिकों ने एक-दूसरे के हथियारों को समझा और युद्ध के रणनीतिक कौशल पर बात की। अब फायरिंग और बम से हमले जैसे हालात पर अभ्यास शुरू हो गया है।
एक दशक से संयुक्त राष्ट्र के चेप्टर के तहत काउंटर टेररिज्म पर हर साल विदेशी सेना के साथ महाजन रेंज में भारतीय सेना संयुक्त युद्धाभ्यास कर रही है। दूसरे देश की सैन्य टुकड़ी अपने हथियार और साजो-सामान के साथ आकर आतंकियों पर सैन्य ऑपरेशन का अभ्यास करती है।
अभी 2 जनवरी से यूएई और भारतीय सेना के बीच अभ्यास चल रहा है। इसमें विश्व में आतंकी समूहों के हमले के बदलते तौर-तरीकों से निपटने का सैनिक अभ्यास कर रहे हैं।
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काफी समय से चल रहे रूस- यूक्रेन और हमास – इजराइल युद्ध से सामने आई रणक्षेत्र की नई चुनौतियों को लेकर इस संयुक्त युद्धाभ्यास में फोकस किया जा रहा है। सैनिक इसमें काउंटर सैन्य कार्रवाई के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। बीते एक दशक में भारतीय सेना ने महाजन में अमरीका, ब्रिट्रेन, रूस, फ्रांस, ओमान के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास किए हैं। अब यूएई के साथ चल रहा है।

युद्धाभ्यास के बारे में यह भी जानें
– भारत और अन्य देश के सैनिकों के 90 से 120 सैनिक 13 से 15 दिन तक संयुक्त अभ्यास करते हैं। दुश्मन के हमले या आतंकी हमले का महाजन रेंज में काल्पनिक खाका तैयार किया जाता है।
अधिकांश युद्धाभ्यास दिसम्बर-जनवरी में होते हैं की ठंड के सीजन में रेतीले धोरों में यह अभ्यास होत बार यह अगस्त-सितम्बर के गर्मी के मौसम में भी अभ्यास करते हैं।