


बीकानेर। जल जीवन मिशन के टेंडरों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लिए हजारों करोड़ रुपये के कार्यादेशों पर कार्रवाई के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से रिपोर्ट मांगी है। केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि मामले में प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी तक की संलिप्तता ।
जल जीवन मिशन के टेंडरों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लिए हजारों करोड़ रुपये के कार्यादेशों पर कार्रवाई के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर बहस करते हुए अधिवक्ता पूनम चंद भण्डारी एवं डॉ. टीएन शर्मा ने हाईकोर्ट को बताया कि श्री गणपती ट्यूबवेल और श्री श्याम कृपा ट्यूबवेल कम्पनी ने(भारत सरकार के उपक्रम) इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के फर्जी कम्प्लेशन सर्टिफिकेट प्रस्तुत करके जल जीवन मिशन में करीब 900 करोड़ रुपये क टेन्डर प्राप्त कर लिए। इस बारे में इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड ने जल जीवन मिशन के अतिरिक्त मुख्य अभियंता को दो बार पत्र लिखे कि फर्जी दस्तावेजों आधार पर कंपनियों ने 900 करोड़ रुपये प्राप्त कर लिए हैं। मगर राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की ।
