बीकानेर। संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल तथा मेडिकल कॉलेज में बिजली-पानी की व्यवस्था को मजबूत रखने के लिए खोला गया ईएमडी विभाग ठेके के श्रमिकों के भरोसे ही चल रहा है। इस विभाग में पूर्व में बड़ी संख्या में स्थाई कर्मचारी कार्यरत थे, लेकिन जैसे-जैसे कर्मचारी राजकीय सेवा से निवृत्त होते गए, वैसे-वैसे पद भी खाली रहते रहे। इन पदों को भरने के लिए स्थाई कर्मियों की जगह ठेके पर श्रमिकों को रखना शुरू कर दिया गया। ऐसे में आज स्थिति यह है कि इन दोनों जगहों पर बिजली-पानी की व्यवस्था ठेके पर ही चल रही है। हालांकि पदों को भरने के लिए स्थाई कर्मियों की भर्ती करने के लिए कई बार चर्चा भी हुई, लेकि बात आगे नहीं बढ़ सकी। राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (लोकतांत्रिक) ने भी अस्पताल अधी कॉलेज प्राचार्य को कई बार ज्ञापन दिए, लेकिन क नहीं पड़ा।
अस्पताल का होता रहा विस्तार
जिस समय अस्पताल में ईएमडी में स्थाई कर्मचारी कार्यरत थे। उस समय सभी बीमारियों के आउटडोर अस्पताल के मुख्य भवन में ही संचालित होते थे। इस वजह से कर्मचारियों की संख्या भी पर्याप्त थी। लेकिन अब दिनों दिन अस्पताल का विस्तार होता जा रहा है। आज के दिन 12 भवनों में आउटडोर एवं भर्ती की सुविधा है। जबकि स्थाई कर्मचारी अंगुलियों पर गिनने लायक ही बचे हैं। इस वजह से ठेके पर श्रमिक रखे जा रहे हैं। यह श्रमिक भी कब छुट्टी पर चले जाएं, इस पर कोई बंदिश नहीं है।
यह है रिक्त पदों का गणित
- Advertisement -
पंप चालक 2, लिफ्टमैन, चार्जमैन, विद्युतकार, मिस्त्री सेकंड, वेल्डर, वायरमैन 1-1, हेल्पर 15, फिटर सेकंड 3, मिस्त्री सिविल 2, कारपेंटर के दो पद काफी लंबे समय से रिक्त पड़े हैं। यही स्थिति मेडिकल कॉलेज में भी है। कॉलेज में विभिन्न स्तर के 14 पद खाली पड़े हैं।
10-10 श्रमिकों की दरकार
इस समय ठेके पर जितने भी श्रमिक काम कर रहे हैं, उनकी संख्या भी कम ही है। अस्पताल के अलग-अलग भवनों की संख्या के आधार पर प्रत्येक भवन में तीन पारियों में दस-दस श्रमिकों की दरकार है। राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (लोकतांत्रिक) के अध्यक्ष संजय कुमार तिवारी ने कॉलेज के प्राचार्य एवं अस्पताल अधीक्षक को कई बार ज्ञापन देकर कर्मचारियों के स्थाई पदों को भरने की मांग की है। हालांकि, उस पर फिलहाल अमल होता दिखाई नहीं दे रहा।

