


बीकानेर। जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (एसएमएस) में डॉक्टरों ने प्रोग्रेसिव फेमेलियल इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस (पीएफआईसी) का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया। ये ऑपरेशन एक 4 साल के बच्चे का किया। अभी तक इस बीमारी के ऑपरेशन के लिए मरीज को दिल्ली-मुंबई या देश के दूसरे बड़े शहर जाना पड़ता था। इस बीमारी में बड़ी पित्त नलिकाएं खुली होने के बावजूद लीवर से पित्त नहीं निकलता। ये बीमारी छोटे बच्चों में होती है और बच्चों में पीलिया, गंभीर खुजली और कुपोषण की बीमारी होने लगती है।
एसएमएस हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने बताया कि हेपाटो-पैनक्रिआटो बिलेरी सर्जरी (एच.पी.बी.) सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने पीएफआईसी का ऑपेरशन प्रतापगढ़ निवासी 4 वर्षीय बच्चे केशव के करके उसकी जान बचाई। डॉ. शर्मा ने बताया कि ये बच्चा पिछले साल गंभीर अवस्था में एसएमएस में भर्ती किया गया। था। जांच करने पर बच्चे में प्रोग्रेसिव फेमेलियल इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस की स्थिति पाई गई।
एचपीबी सर्जरी विभाग के डॉक्टरों से चर्चा के बाद बच्चे का ऑपरेशन करने का निर्णय किया। पार्शियल इंटरनल बिलिअरी ड्रैनेज (पीआईबीडी) के तहत छोटी आंत का इंटर पॉजिशन लूप बनाकर गाल ब्लेडर (पिथ की थैली) और बड़ी आंत के बीच में जोड़ने का निर्णय किया गया और इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। ऑपरेशन के बाद बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ है।

उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन को करने में 3 घंटे से ज्यादा का समय लगा। इस तरह का ऑपरेशन राजस्थान में केवल एसएमएस हॉस्पिटल में ही हुआ है। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन को सर्जरी विभाग के डॉ. दिनेश भारती, डॉ. आशुतोष पंचोली, डॉ. रवि खांडल, डॉ. राकेश सोनी, डॉ. प्रीति, डॉ. पूनम, डॉ. संजय, डॉ. सतवीर के साथ सिस्टर गीता, चंचल ने किया।