

बीकानेर । शहर के एक प्राइवेट हार्ट केयर सेंटर पर स्टंट डलवाने के बाद हृदय रोगी की मौत को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मृतक के पुत्र ने सेंटर के डॉक्टरों की टीम के विरुद्ध पुलिस में परिवाद दिया था, जिसे जांच के लिए चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक को भेजा गया है। अब मेडिकल बोर्ड की जांच के बाद ही एफआईआर पर फैसला लिया जा सकेगा।
प्रकरण के अनुसार गंगाशहर रोड पर रहने वाले पवन करनाणी ने हार्ट प्रॉब्लम होने पर दो मार्च 23 को जीवन रक्षा हेल्थ केयर सेंटर की यूनिट आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर प्राइवेट लिमिटेड पर डॉ. बीएल स्वामी को दिखाया था। करनाणी के दो स्टंट लगाए गए। लेकिन उनकी हालत बिगड़ती रही। स्टंट चुभने लगा।
उन्होंने सेंटर पर कई बार दिखाया। डॉक्टर ने दवाएं भी दी। जब हालत में सुधार नहीं हुआ तो वे पीबीएम हॉस्पिटल स्थित हल्दीराम मूलचंद हार्ट हॉस्पिटल पहुंचे, जहां उन्हें भर्ती कर लिया गया। जांचों में गड़बड़ी ज्यादा मिलने पर डॉ. सुनील बुढानिया ने ओपन हार्ट सर्जरी करवाने की सलाह दी। इसके लिए पवन को दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां उनकी सर्जरी हुई। परिवाद के अनुसार डॉक्टरों ने बताया कि स्टंट सड़ने के कारण हृदय में मवाद भर गया था। वहीं पर पांच सितंबर को करनाणी का निधन हो गया। उनके पुत्र मयंक का आरोप है कि डॉ. स्वामी और उनकी टीम की लापरवाही के कारण उसके पिता की जान गई है। दिल्ली के डॉक्टरों ने बताया कि उसके पिता का स्टंट पहली सर्जरी में ही खराब हो गया था।

गृह विभाग का आदेश, जांच के बाद होगी एफआईआर
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राज्य के गृह विभाग के एक आदेश के अनुसार किसी चिकित्सक या चिकित्सा कर्मी के विरुद्ध सीधे एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती। परिवादी मयंक ने आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर के डॉक्टर स्वामी और उनकी टीम के विरुद्ध सदर थाने में परिवाद दिया था। सदर थाना एसएचओ ने इस संबंध मुख्य जिला चिकित्साधिकारी को पत्र लिख कर मेडिकल बोर्ड से जांच कराने की मांग की है। हार्ट सेंटर से रिकॉर्ड मांगा आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर के डॉ. बीएल स्वामी से रोगी के उपचार और सर्जरी से संबंधित समस्त रिकॉर्ड मांगा गया है। मेडिकल बोर्ड गठित करने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को हृदय रोग विशेषज्ञ उपलब्ध कराने के लिए लिखा जाएगा