बीकानेर, । विकसित भारत संकल्प यात्रा के अंतर्गत बीकानेर शहर व रूरल में अब तक आयोजित 6 स्वास्थ्य शिविरों में 2000 से अधिक लोगों ने स्वास्थ्य सुविधाओं व भारत सरकार की योजनाओं का लाभ उठाया है। शिविरों में न केवल स्वास्थ्य जांच की जा रही है बल्कि योजनाओं से रूबरू करवाते हुए उन्हें योजना का लाभ देने के भी प्रयास हो रहे हैं। अब तक 86 आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं तथा 284 से अधिक लोगों की तपेदिक रोग की जांच की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पवार ने बताया कि सोमवार को बीकानेर शहर की में रविंद्र रंगमंच तथा ग्रामीण हाट में शिविर आयोजित हुए जबकि बीकानेर ग्रामीण क्षेत्र में के अंतर्गत तेजरासर व गुसाईंसर में शिविर लगाए गए।डॉ अबरार ने बताया कि स्वास्थ्य शिविरों में निम्नलिखित गतिविधियां चलाई जा रही हैं:आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई): विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की प्रमुख योजना के तहत, आयुष्मान ऐप का उपयोग करके आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं और लाभार्थियों को कार्ड वितरित किए जा रहे हैं। पहले 6 शिविरों में 86 से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए और 80 से अधिक कार्ड वितरित किए गए।तपेदिक (टीबी): उपलब्धता के आधार पर लक्षणों, बलगम परीक्षण और एनएएटी मशीनों का उपयोग करके टीबी के रोगियों की जांच की जा रही है। जिन मामलों में टीबी होने का अंदेशा होता है, तो मरीजों को उच्च सुविधाओं के लिए रेफर किया जाता है। अब तक, 284 से अधिक लोगों की जांच की गई, जिनमें से 21 को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रेफर किया गया।प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (पीएमटीबीएमए) के तहत टीबी से पीड़ित मरीजों को निक्षय मित्रों से सहायता प्राप्त करने के लिए सहमति ली जा रही है। निक्षय मित्र बनने के इच्छुक प्रतिभागियों का ऑन-स्पॉट पंजीकरण भी किया जा रहा है। निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई) के तहत टीबी रोगियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस उद्देश्य से लंबित लाभार्थियों के बैंक खाते का विवरण एकत्र किया जा रहा है और खातों को आधार से जोड़ा जा रहा है। अब तक ऐसे 6 लाभार्थियों का विवरण एकत्र किया गया।सिकल सेल रोग : सिकल सेल रोग (एससीडी) का पता लगाने के लिए एससीडी के लिए प्वाइंट ऑफ केयर (पीओसी) परीक्षणों के माध्यम से या घुलनशीलता परीक्षण के माध्यम से पात्र आबादी (40 वर्ष तक की आयु) की स्क्रीनिंग की जा रही है। जिन मामलों में परीक्षण से रोग का पता लगा है, ऐसे मामलों को प्रबंधन के लिए उच्च केंद्रों पर भेजा जा रहा है। अब तक 65 से अधिक लोगों की जांच की गई है।गैर संचारी रोग (एनसीडी): उच्च रक्तचाप और मधुमेह के लिए पात्र आबादी (30 वर्ष और उससे अधिक) की स्क्रीनिंग की जा रही है और रोग का संदेह होने वाले मामलों को उच्च केंद्रों पर भेजा जा रहा है। अब तक, लगभग 1,027 लोगों की उच्च रक्तचाप और 1,204 की मधुमेह की जांच की गई। 421 से अधिक लोगों को उच्च रक्तचाप और 201 से अधिक लोगों को मधुमेह के लिए सकारात्मक होने का संदेह था। 162 से अधिक लोगों को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में भेजा गया।
