बीकानेर। न्यायालय की ओर से तलाक की डिक्री पारित होने के बाद लोक अदालत में हुई समझाइश से पति-पत्नी फिर से प्रेमपूर्वक साथ रहने के लिए तैयार हो गए। बोरावड़ निवासी एक दंपती पिछले 22 वर्षों से अलग रह रहे थे। जिनकी न्यायालय से तलाक की डिक्री भी हो गई। शनिवार को मकराना न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत में पति पत्नी दोनों में समझाइश हो गई। जिसके बाद दंपती ने कोर्ट परिसर में ही न्यायाधीश व वकीलों के सामने एक दूसरे को फूलों की माला पहनाकर साथ रहने का फैसला लिया।
बता दें कि बोरावड़ के जाटावास निवासी जगदीश प्रसाद (54) और उनकी पत्नी डेगाना निवासी माया देवी (46) का 22 सालों से घरेलू विवाद चल रहा था। जिसको लेकर कई बार परिजनों ने समाझाइश की कोशिश की, लेकिन दोनों नहीं माने। माया तब से ही अपने पीहर में रह रही थी। जिसके बाद साल 2005 में कोर्ट ने दोनों के तलाक की डिग्री भी कर दी थी। शनिवार को मकराना कोर्ट में लगी चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत में वकीलों ने दंपति से समझाइश की। जिसके बाद दोनों ने वापस से एक दूसरे के साथ रहने का फैसला लिया। दंपती ने कोर्ट परिसर में एडीजे कुमकुम, एसीजेएम सोनल पारख व अन्य वकीलों के सामने एक दूसरे को फूलों की माला पहनाकर साथ रहकर जीवन यापन करने का निर्णय लिया।
जानकारी के अनुसार जगदीश और माया देवी के एक बेटा है जो वर्तमान में जम्मू में सिविल इंजीनियर की पढ़ाई कर रहा हैं। वही लोक अदालत में 32 प्रकरणों का आपसी राजीनामा से निस्तारण किया गया।
ये रहे मौजूद
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इस दौरान बार संघ अध्यक्ष सगीर अहमद बेहलिम, गणपत टांक, एडवोकेट राजूराम चौधरी, तलत हुसैन हनिफी, अबरार अहमद, मोहम्मद इमरान, मोहम्मद आबिद, संजय, सिकंदर खान, अब्दुल मतीन, शेख अकबर अली, आबिद गैसावत, राजेश पारख, अमराराम चौधरी, भुवनेश टांक सहित बिजली, पानी, बैंक सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
