बीकानेर। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण अटके काम अब शुरू हो सकेंगे। जूनागढ़ के पास छह महीने से टूटी सड़क का निर्माण भी जल्दी ही हो सकेगा। इसके लिए बजट मंजूर हो गया है। विधानसभा चुनाव से पहले 25 सितंबर से 9 अक्टूबर तक करीब 41 निविदाएं लगाई गई थी, जबकि सभी पार्षद अपने वाड़ों में सड़क निर्माण की फाइलें लिए घूम रहे थे।
दरअसल पार्षदों को प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का अंदेशा था। यह भी पता था कि ऊपर से चुनाव प्रक्रिया पूरी होने में दो से तीन महीने लगेंगे। वाडों में काम चलता रहे इसलिए ज्यादातर वाडों में टेंडर लगवाने के प्रयास किए गए। निगम आयुक्त के आदेश पर 15 दिन में 42 के निविदाएं अपलोड कर दी गईं। 9 अक्टूबर को आचार संहिता लागू हुई तो निगम ने ज्यादातर निविदाएं निरस्त कर दी।
सिर्फ 11 निविदाओं के ही वर्क ऑर्डर जारी किए। हालांकि निगम प्रशासन बजट का हवाला दे रहा है, लेकिन निगम आयुक्त ने बजट की कमी से इनकार करते हुए कहा कि आचार संहिता से पहले अगर वर्क ऑर्डर जारी हो गए तो कोई दिक्कत नहीं वहां काम हो सकते हैं। निविदाएं पेंडिंग रहना ठीक नहीं है। इसलिए निरस्त कर दी।
निगम ने स्थगित करने के बजाय निरस्त की निविदाएं
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जूनागढ़ सड़क की निविदा मंजूर
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने पर सबसे पहले जूनागढ़ के पास छह महीने से जर्जर सड़क बनाने की निविदा को मंजूरी दी गई है। इस सड़क की निविदा आचार संहिता से पहले जारी नहीं हुई थी। सूरसागर के सामने से लेकर महिला मंडल तक पूरी सड़क बनेगी। बारिश का पानी ज्यादातर इसी इलाके में एकत्र होता है और डामर की सड़क के बार-बार टूटने का डर है इसलिए महिला मंडल स्कूल तक सीसी रोड़ को बनाई जाएगी। इसके लिए करीब 40 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। जल्दी ही निविदा पूरी होते ही वर्क ऑर्डर जारी किए जाएंगे। ये जानकारी आयुक्त नगर निगम ने दी।
ये निविदाएं जो निरस्त हो गईं
राजपूत श्मशान गृह, वार्ड 56, 01, 33, 69,18,32,10, वार्ड 32 के दो, 55, 39, गंगादासाणी, लेधावाड़ी नाला, वार्ड 52, सर्किट हाउस वारदाना गली, वार्ड 20 और 21 के दो-दो कार्य, 18,11,12,31,65, सागर रोड, महानंद तलाई, वैद्य मघाराम कॉलोनी, वार्ड 23 और भीनासर स्कूल टॉयलेट के काम निरस्त हो गए। कोई भी टेंडर लगाया जाए तो उसकी निविदा 90 दिन के भीतर खोलनी जरूरी होती है। निरस्त निविदाएं 25 सितंबर से 9 अक्टूबर तक की हैं। नौ अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हुई थी। 9 जनवरी को 90 दिन पूरे होंगे। इस दौरान निविदाओं को खोला जा सकता था, लेकिन आचारइस दौरान निविदाओं को खोला जा सकता था, लेकिन आचार संहिता की आड़ में निगम ने 6 अक्टूबर को ही एक लाइन का आदेश जारी कर सारी निविदाएं निरस्त कर दी।
आचार संहिता से ठीक पहले अगर निरस्त ना करता तो भी 90 दिन के भीतर ये वैसे ही निरस्त हो जाती क्योंकि निविदा 90 दिन में खोलनी जरूरी होती हैं। अब उन निविदाओं को वापस लगाकर ओपन करेंगे। काम सारे होंगे जो पेंडिंग थे।

